'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- चकमा, जिसका अर्थ है- भुलावा, धोखा। प्रस्तुत है राजेश जोशी की कविता- मैं उड़ जाऊँगासबको चकमा देकर एक रात
मैं किसी स्वप्न की पीठ पर बैठ कर उड़ जाऊँगा।
हैरत में डाल दूँगा सारी दुनिया को
सब पूछते बैठेंगे ?
कैसे उड़ गया ?
क्यों उड़ गया ?तंग आ गया हूँ मैं हर पल नष्ट हो जाने की
आशंका से भरी इस दुनिया से
और भी ढेर तमाम जगह हैं इस ब्रह्मांड में
मैं किसी भी दूसरे ग्रह पर जाकर बस जाऊँगामैं तो कभी का उड़ गया होता
आगे पढ़ें
चाय की गुमटियों और ढाबों पर गरम होते तंदूर पर
सिकती रोटियों के लालच में हिलगा रहा इतने दिन
ट्रक ड्राइवरों से बतियाते हुए
मैदान में पड़ी खटियों पर
गुजार दीं मैंने इतनी रातें
4 hours ago