पिछले राष्ट्रमंडल खेलों के चैंपियन व टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता पहलवान बजरंग और रियो ओलंपिक में कांस्य जीतने वालीं साक्षी मलिक की अगुवाई में हमारे पहलवान शुक्रवार को छह गोल्ड मेडल के लिए दांव लगाएंगे। बजरंग पूनिया, मोहित ग्रेवाल, दीपक पूनिया, अंशु मलिक, साक्षी मलिक, दिव्या काकरान अपने-अपने भारवर्ग में भारतीय चुनौती पेश करेंगे।
भारतीय पहलवानों को राष्ट्रमंडल खेलों में सबसे ज्यादा मजबूत माना जा रहा है। हालांकि कनाडा और नाईजीरिया के पहलवानों से चुनौती मिल सकती है। राष्ट्रमंडल खेलों में 12 पहलवान भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। छह के मुकाबले शुक्रवार को और शेष छह के शनिवार को होंगे। राष्ट्रमंडल खेलों में कुश्ती के पावरहाउस रूस, जापान, ईरान और कजाखस्तान हिस्सा नहीं लेते हैं। भारत अब तक राष्ट्रमंडल खेलों 43 स्वर्ण, 37 रजत और 22 कांस्य सहित कुल 102 पदक जीत चुका है और तालिका में दूसरे नंबर पर है। वहीं, कनाडा 66 स्वर्ण, 43 रजत और 26 कांस्य सहित 135 पदक जीतकर पहले स्थान पर है।
साक्षी के पास खुद को फिर से साबित करने का मौका
रियो ओलंपिक (2016) में कांस्य पदक जीत चुकी साक्षी मलिक ने लंबे समय से कोई बड़ा टूर्नामेंट नहीं जीता है। इसके लिए वह मनोवैज्ञानिक से सलाह ले चुकीं हैं और अपने प्रदर्शन में सुधार किया है। उन्होंने सोनम मलिक और मनीषा को हराकर 62 किलो भारवर्ग में बर्मिंघम का कोटा हासिल किया। इस बार पदक जीतकर साक्षी मलिक के पास खुद को फिर से साबित करने का मौका है।
अमेरिका से प्रशिक्षण लेकर बर्मिंघम पहुंचे बजरंग
बजरंग पूनिया ने राष्ट्रमंडल खेलों से पहले अमेरिका में प्रशिक्षण हालिया किया। इस दौरान उन्होंने अपनी कमियों को दूर करने के साथ ही उन खिलाड़ियों के पुराने वीडियो देखें हैं, जिनसे उन्हें सामना करना पड़ सकता है। बजरंग ने गोल्ड कोस्ट में भी स्वर्ण जीता था। वह इस बार भी स्वर्ण के लिए मैट पर उतरेंगे।
गोल्ड कोस्ट से आगे निकलने का लक्ष्य
भारत ने 2018 के गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में कुश्ती में पहला स्थान हासिल किया था। इन खेलों में 5 स्वर्ण सहित कुल 12 पदक जीते थे। कनाडा दूसरे स्थान पर रहा था। वहीं 2014 में भारत कनाडा से पीछे दूसरे स्थान पर रहा था। भारत ने 2010 में 19 पदक जीतकर पहला स्थान हासिल किया था। कुश्ती में भारत के लिए राष्ट्रमंडल खेलों का पहला स्वर्ण पदक कार्डिफ में हरियाणा के चरखी दादरी के लीला राम सांगवान ने जीता था। बर्मिंघम में भारतीय पहलवान गोल्ड कोस्ट मे जीते पांच स्वर्ण पदक से आगे निकलने का लक्ष्य लेकर मैट पर उतरेंगे।
आज ये पहलवान पेश करेंगे चुनौती
बजरंग पूनिया (65 भारवर्ग), मोहित ग्रेवाल (125 भारवर्ग), दीपक पूनिया (86 भारवर्ग), अंशु मलिक (57 भारवर्ग), साक्षी मलिक (62 भारवर्ग) और दिव्या काकरान (68 भारवर्ग)।
कल ये पहलवान लगाएंगे दांव
रवि कुमार दहिया (57 भारवर्ग), नवीन (74 भारवर्ग), दीपक (97 भारवर्ग), पूजा गहलोत (50 भारवर्ग), विनेश फोगाट (53 भारवर्ग) और पूजा सिहाग (76 भारवर्ग)।
विस्तार
पिछले राष्ट्रमंडल खेलों के चैंपियन व टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता पहलवान बजरंग और रियो ओलंपिक में कांस्य जीतने वालीं साक्षी मलिक की अगुवाई में हमारे पहलवान शुक्रवार को छह गोल्ड मेडल के लिए दांव लगाएंगे। बजरंग पूनिया, मोहित ग्रेवाल, दीपक पूनिया, अंशु मलिक, साक्षी मलिक, दिव्या काकरान अपने-अपने भारवर्ग में भारतीय चुनौती पेश करेंगे।
भारतीय पहलवानों को राष्ट्रमंडल खेलों में सबसे ज्यादा मजबूत माना जा रहा है। हालांकि कनाडा और नाईजीरिया के पहलवानों से चुनौती मिल सकती है। राष्ट्रमंडल खेलों में 12 पहलवान भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। छह के मुकाबले शुक्रवार को और शेष छह के शनिवार को होंगे। राष्ट्रमंडल खेलों में कुश्ती के पावरहाउस रूस, जापान, ईरान और कजाखस्तान हिस्सा नहीं लेते हैं। भारत अब तक राष्ट्रमंडल खेलों 43 स्वर्ण, 37 रजत और 22 कांस्य सहित कुल 102 पदक जीत चुका है और तालिका में दूसरे नंबर पर है। वहीं, कनाडा 66 स्वर्ण, 43 रजत और 26 कांस्य सहित 135 पदक जीतकर पहले स्थान पर है।
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