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बांदा। सावन के तीसरे सोमवार को शिवालयों में घंटा घड़ियाल के साथ बम-बम भोले के जयघोष से देर रात तक गूंजते रहे। सबसे ज्यादा भीड़ शहर के बामदेवेश्वर मंदिर व कालिंजर दुर्ग में स्थित नीलकंठेश्वर मंदिर में रही।
शहर के कैलाशपुर स्थित बामदेवेश्वर मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भीड़ लगी रही। भक्तों ने गुफा में स्थित शिवलिंग का जलभिषेक कर पूजन अर्चन किया। श्रद्धालुओं ने बांबेश्वर पर्वत पर स्थित सिद्ध बाबा के दर्शन कर सावन की मनोहारी छटाओ का आनंद लिया। इसके साथ ही संकट मोचन, काली देवी, महेश्वरी देवी आदि मंदिरों में भी भक्तों की भीड़ रही। उधर, कालिंजर दुर्ग में स्थित नीलकंठेश्वर मंदिर में दूर दराज से आए श्रद्धालुओं ने शिवलिंग का जलाभिषेक किया।
बांदा। सावन के तीसरे सोमवार को शिवालयों में घंटा घड़ियाल के साथ बम-बम भोले के जयघोष से देर रात तक गूंजते रहे। सबसे ज्यादा भीड़ शहर के बामदेवेश्वर मंदिर व कालिंजर दुर्ग में स्थित नीलकंठेश्वर मंदिर में रही।
शहर के कैलाशपुर स्थित बामदेवेश्वर मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भीड़ लगी रही। भक्तों ने गुफा में स्थित शिवलिंग का जलभिषेक कर पूजन अर्चन किया। श्रद्धालुओं ने बांबेश्वर पर्वत पर स्थित सिद्ध बाबा के दर्शन कर सावन की मनोहारी छटाओ का आनंद लिया। इसके साथ ही संकट मोचन, काली देवी, महेश्वरी देवी आदि मंदिरों में भी भक्तों की भीड़ रही। उधर, कालिंजर दुर्ग में स्थित नीलकंठेश्वर मंदिर में दूर दराज से आए श्रद्धालुओं ने शिवलिंग का जलाभिषेक किया।