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बांदा। चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के आरोप से पांच साल बाद सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी अदालत से दोष मुक्त घोषित हो गए। अदालत में सात गवाह पेश किए गए थे। दो अधिवक्ताओं ने बहस की।
28 जनवरी 2017 को चुनाव अधिकारी बीडीओ सुरेंद्र कुमार ने कोतवाली नगर में विधायक द्विवेदी के विरुद्ध आचार संहिता उल्लंघन की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन पर चुनाव प्रचार में मानक से अधिक संख्या में वाहन लगाने और वाहनों से जगह-जगह जाम की स्थिति उत्पन्न होने के आरोप थे। अभियोजन की ओर से सात गवाह पेश किए गए। 22 जुलाई को विधायक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ब्रजराज सिंह परिहार व सतीशचंद्र मिश्र ने अदालत में बहस की। इसके बाद द्वितीय अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी गरिमा सिंह ने विधायक प्रकाश द्विवेदी को दोषमुक्त करार दिया।
दहेज हत्यारोपी सास की जमानत अर्जी खारिज
बांदा। दहेज हत्या में आरोपी सास की जमानत अर्जी सेशन न्यायाधीश ने खारिज कर दी। कैरी गांव निवासी सास साधना जेल में हैं। उसने अधिवक्ता के जरिए मंगलवार को अदालत में जमानत के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया। प्रभारी सेशन न्यायाधीश मोहम्मद अशरफ अंसारी ने जमानत पर सुनवाई करते हुए पर्याप्त आधार न पाते हुए जमानत अर्जी खारिज कर दी। जिला शासकीय अधिवक्ता विजय बहादुर सिंह परिहार ने जमानत का विरोध किया। अधिवक्ता ने बताया कि इसी वर्ष 11 अप्रैल को बहू नेहा को जहर खिलाकर मार डालने का आरोप था। दहेज हत्या की रिपोर्ट दर्ज है। (संवाद)
बांदा। चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के आरोप से पांच साल बाद सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी अदालत से दोष मुक्त घोषित हो गए। अदालत में सात गवाह पेश किए गए थे। दो अधिवक्ताओं ने बहस की।
28 जनवरी 2017 को चुनाव अधिकारी बीडीओ सुरेंद्र कुमार ने कोतवाली नगर में विधायक द्विवेदी के विरुद्ध आचार संहिता उल्लंघन की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन पर चुनाव प्रचार में मानक से अधिक संख्या में वाहन लगाने और वाहनों से जगह-जगह जाम की स्थिति उत्पन्न होने के आरोप थे। अभियोजन की ओर से सात गवाह पेश किए गए। 22 जुलाई को विधायक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ब्रजराज सिंह परिहार व सतीशचंद्र मिश्र ने अदालत में बहस की। इसके बाद द्वितीय अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी गरिमा सिंह ने विधायक प्रकाश द्विवेदी को दोषमुक्त करार दिया।
दहेज हत्यारोपी सास की जमानत अर्जी खारिज
बांदा। दहेज हत्या में आरोपी सास की जमानत अर्जी सेशन न्यायाधीश ने खारिज कर दी। कैरी गांव निवासी सास साधना जेल में हैं। उसने अधिवक्ता के जरिए मंगलवार को अदालत में जमानत के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया। प्रभारी सेशन न्यायाधीश मोहम्मद अशरफ अंसारी ने जमानत पर सुनवाई करते हुए पर्याप्त आधार न पाते हुए जमानत अर्जी खारिज कर दी। जिला शासकीय अधिवक्ता विजय बहादुर सिंह परिहार ने जमानत का विरोध किया। अधिवक्ता ने बताया कि इसी वर्ष 11 अप्रैल को बहू नेहा को जहर खिलाकर मार डालने का आरोप था। दहेज हत्या की रिपोर्ट दर्ज है। (संवाद)