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राठ। 93 साल पहले महात्मा गांधी ने गोल चबूतरे से सविनय अवज्ञा आंदोलन में नई जान फूंकी थी। लोगों ने उन्हें ताम्रपात्र व 1514 रुपये की थैली भेंट की।
साहित्यकार डॉ. भवानीदीन के अनुसार नवंबर 1929 को महोबा से कुलपहाड़ होते हुए महात्मा गांधी राठ पहुंचे। बापू ने तत्कालीन चेयरमैन सेठ हीरालाल अग्रवाल की हवेली पर विश्राम किया था। हवेली परिसर में बने गोल चबूतरे से महात्मा गांधी ने क्रांतिकारियों में आजादी का जोश भरा था। उन्हें सुनने के लिए हजारों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। कस्बे के लोगों व सेठ हीरालाल ने महात्मा गांधी को ताम्रपात्र भेंट किया था।
सेठ हीरालाल के प्रपौत्र अजय अग्रवाल ने बताया गांधी जी ताम्रपात्र उनके दादा जी को सौंप गए थे। गांधी जी के आह्वान पर स्वामी ब्रह्मानंद, दीवान शत्रुघ्न सिंह, बालेंदु, देवकी नंदन सुल्लेरे सहित सैकड़ों क्रांतिकारियों ने आंदोलन की बागडोर संभाली थी। अजय अग्रवाल बताते हैं कि गांधी के जाते ही कस्बे से नमक सत्याग्रह आंदोलन का आगाज हुआ। नमक कानून का उल्लंघन करने पर पंडित बैजनाथ तिवारी को बांदा जेल में छह माह की सजा हुई। आंदोलनकारियों पर अंग्रेजों ने डंडे बरसाए। 372 आंदोलनकारियों को जेलों में ठूंसा गया।
राठ। 93 साल पहले महात्मा गांधी ने गोल चबूतरे से सविनय अवज्ञा आंदोलन में नई जान फूंकी थी। लोगों ने उन्हें ताम्रपात्र व 1514 रुपये की थैली भेंट की।
साहित्यकार डॉ. भवानीदीन के अनुसार नवंबर 1929 को महोबा से कुलपहाड़ होते हुए महात्मा गांधी राठ पहुंचे। बापू ने तत्कालीन चेयरमैन सेठ हीरालाल अग्रवाल की हवेली पर विश्राम किया था। हवेली परिसर में बने गोल चबूतरे से महात्मा गांधी ने क्रांतिकारियों में आजादी का जोश भरा था। उन्हें सुनने के लिए हजारों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। कस्बे के लोगों व सेठ हीरालाल ने महात्मा गांधी को ताम्रपात्र भेंट किया था।
सेठ हीरालाल के प्रपौत्र अजय अग्रवाल ने बताया गांधी जी ताम्रपात्र उनके दादा जी को सौंप गए थे। गांधी जी के आह्वान पर स्वामी ब्रह्मानंद, दीवान शत्रुघ्न सिंह, बालेंदु, देवकी नंदन सुल्लेरे सहित सैकड़ों क्रांतिकारियों ने आंदोलन की बागडोर संभाली थी। अजय अग्रवाल बताते हैं कि गांधी के जाते ही कस्बे से नमक सत्याग्रह आंदोलन का आगाज हुआ। नमक कानून का उल्लंघन करने पर पंडित बैजनाथ तिवारी को बांदा जेल में छह माह की सजा हुई। आंदोलनकारियों पर अंग्रेजों ने डंडे बरसाए। 372 आंदोलनकारियों को जेलों में ठूंसा गया।