हरियाणा के 46 शहरी निकायों में से 25 पर भाजपा-जजपा गठबंधन ने जीत हासिल की है। 19 जगह निर्दलीयों ने बाजी मारी। चेयरमैन पद के लिए सीधा चुनाव हुआ। 25 निकायों में से 22 के चेयरमैन भाजपा और तीन जजपा के होंगे। 19 नगर परिषद-पालिकाओं को निर्दलीय चेयरमैन चलाएंगे। आप और इनेलो का भी एक-एक चेयरमैन जीता है। पहली बार निकाय चुनाव लड़ रही आप अपना खाता खोलने में सफल रही। कांग्रेस ने यह चुनाव पार्टी चिन्ह पर नहीं लड़ा। उसके समर्थित कुछ आजाद उम्मीदवार जीते हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल के गृह जिले में भाजपा तीन निकायों में हार गई। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला अपने गृह विधानसभा क्षेत्र उचाना की नगरपालिका में गठबंधन प्रत्याशी को नहीं जिता पाए। पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली के गृह जिले फतेहाबाद में गठबंधन का एक ही उम्मीदवार जीत पाया। मंत्री के विधानसभा क्षेत्र टोहाना के अलावा रतिया और भूना में भी आजाद उम्मीदवार जीते।
शहरी निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता के गृह जिले हिसार में हांसी और बरवाला दोनों सीट पर गठबंधन प्रत्याशी हार गए। कृषि मंत्री जेपी दलाल के गृह जिले भिवानी में भिवानी नगर परिषद चेयरमैन आजाद उम्मीदवार बनी हैं। सहकारिता मंत्री बनवारी लाल के गृह क्षेत्र बावल में आजाद उम्मीदवार जीत गए। स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता अपने जिले की कालका नगर परिषद, राज्य मंत्री संदीप सिंह पिहोवा नगर पालिका और राज्य मंत्री कमलेश ढांडा अपने जिले की तीनों सीटें गठबंधन की झोली में डालने में कामयाब रहे।
70.04 फीसदी ने किया था मतदान
18 नगर परिषद और 28 नगरपालिकाओं में कुल 18.30 मतदाता हैं। इनमें से 70.04 फीसदी मतदाताओं ने मतदान किया था। यह 2016 के निकाय चुनाव से 11 प्रतिशत कम रहा।
18 नगर परिषद में ये जीते चेयरमैन
निकाय |
विजेता प्रत्याशी |
भिवानी |
आजाद प्रत्याशी प्रीति |
चरखी दादरी |
भाजपा उम्मीदवार बख्शी सैनी |
फतेहाबाद |
भाजपा उम्मीदवार राजेंद्र सिंह |
टोहाना |
आजाद उम्मीदवार नरेश कुमार |
सोहना |
भाजपा प्रत्याशी अंजू |
हांसी |
आजाद प्रत्याशी प्रवीन एलाबादी |
नरवाना |
आजाद प्रत्याशी मुकेश रानी |
जींद |
भाजपा उम्मीदवार अनुराधा सैनी |
झज्जर |
भाजपा प्रत्याशी जिले सिंह |
बहादुरगढ़ |
भाजपा उम्मीदवार सरोज |
कैथल |
भाजपा उम्मीदवार सुरभि गर्ग |
नारनौल |
आजाद प्रत्याशी कमलेश |
नूंह |
जजपा उम्मीदवार संजय कुमार |
कालका |
भाजपा उम्मीदवार कृष्ण कुमार लांबा |
पलवल |
भाजपा उम्मीदवार यशपाल |
होडल |
आजाद प्रत्याशी इंद्रेश कुमारी |
गोहाना |
भाजपा प्रत्याशी रजनी विरमानी |
मंडी डबवाली |
इनेलो उम्मीदवार टेकचंद छाबड़ा |
नगरपालिका में ये बनेंगे चेयरमैन
नगर पालिका |
विजेता |
नारायणगढ़ |
आजाद उम्मीदवार रिंकी |
रतिया |
आजाद उम्मीदवार प्रीति खन्ना |
भूना |
आजाद प्रत्याशी अर्पणा |
बरवाला |
आजाद प्रत्याशी रमेश बेट्रीवाला |
सफीदों |
आजाद प्रत्याशी अनीता रानी |
उचाना |
आजाद उम्मीदवार विकास |
इस्माईलाबाद |
आप उम्मीदवार निशा कानो |
शाहबाद |
जजपा उम्मीदवार गुलशन |
पिहोवा |
भाजपा प्रत्याशी आशीष शर्मा |
लाडवा |
भाजपा उम्मीदवार साक्षी खुराना |
घरोंडा |
भाजपा उम्मीदवार हैपी लक्की गुप्ता |
तरावड़ी |
आजाद उम्मीदवार वीरेंद्र कुमार |
निसिंग |
आजाद प्रत्याशी रोमी सिंगला |
असंध |
आजाद प्रत्याशी सतीश कटारिया |
चीका |
जजपा उम्मीदवार रेखा रानी |
राजौंद |
भाजपा उम्मीदवार बबीता |
महेंद्रगढ |
भाजपा प्रत्याशी रमेश सैनी |
नांगल चौधरी |
भाजपा उम्मीदवार प्रिया सैनी |
फिरोजपुर झिरका |
भाजपा उम्मीदवार मनीष कुमार |
पुन्हाना |
भाजपा उम्मीदवार बलराज |
समालखा |
भाजपा उम्मीदवार अशोक कुमार |
महम |
आजाद प्रत्याशी भारती |
बावल |
आजाद प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह |
गन्नौर |
भाजपा उम्मीदवार अरूण कुमार |
कुंडली |
भाजपा उम्मीदवार शिमला |
ऐलनाबाद |
आजाद उम्मीदवार रामसिंह सोलंकी |
रानियां |
आजाद उम्मीदवार मनोज सचदेवा |
सढौरा |
भाजपा उम्मीदवार शालिनी |
भाजपा को 13 सीटों का हुआ नुकसान
जिन निकायों के बुधवार को नतीजे आए, इनमें से 35 पर भाजपा काबिज थी। अभी भाजपा के 22 उम्मीदवार ही चेयरमैन पद का चुनाव जीत पाए हैं। ऐसे में अकेले भाजपा को 13 सीटों का नुकसान हुआ है।
नगरपालिकाओं व नगर परिषदों के चेयरमैन पद पर भाजपा-जजपा उम्मीदवारों की जीत सरकार की नीतियों पर जनता की मुहर है। जनता ने वर्ष 2014 व 2019 से अब तक लगातार वर्तमान राज्य सरकार और भाजपा की विचारधारा के प्रति जो विश्वास दर्शाया है, यह उसी की जीत है। अब पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव होने हैं। उम्मीद है कि प्रदेश की जनता इसी प्रकार हमारी विचारधारा, नीति व कार्यक्रमों के अनुरूप ऐसे ही परिणाम देगी। – मनोहर लाल, मुख्यमंत्री
निकाय चुनाव में बीजेपी-जेजेपी गठबंधन की स्पष्ट जीत हुई है। जनता ने कांग्रेस को आइना दिखाया है। जेजेपी का वोट शेयर काफी बढ़ा है। चुनाव निशान पर लड़ी जजपा को आठ सीटों पर 24.62 प्रतिशत वोट मिले हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गढ़ की चार सीटें महम, झज्जर, बहादुरगढ़, गोहाना में गठबंधन की जीत हुई है। मेवात जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के विधायक हैं और यहां तीनों सीटों पर गठबंधन विजयी हुआ। पलवल और होडल क्षेत्र में भी गठबंधन जीता। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला के कैथल और नरवाना में उम्मीदवार थे, यहां पर भी कांग्रेसियों को हार मिली। – दुष्यंत चौटाला, उपमुख्यमंत्री
19 सीटों पर आजाद उम्मीदवार जीते हैं और 30 सीटों पर करीबी मुकाबले में दूसरे स्थान पर रहे। आजाद उम्मीदवारों ने शहरों में भाजपा को मिले 26.3 प्रतिशत वोट के मुकाबले दोगुने यानी 52.2 प्रतिशत वोट हासिल किए। इससे लगता है शहरी जनता ने भाजपा-जजपा को पूरी तरह नकार दिया है। कांग्रेस इस चुनाव से अलग रही लेकिन पार्टी के स्थानीय नेताओं ने अपने-अपने इलाके में निर्दलीय उम्मीदवार को अपना समर्थन दिया था। – भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष
आप का खाता खुला पर बड़ा करिश्मा नहीं कर पाई
पंजाब विधानसभा में एकतरफा जीत के बाद हरियाणा निकाय चुनाव में उतरी आम आदमी पार्टी का सिर्फ एक उम्मीदवार जीता है। कुरुक्षेत्र के इस्माइलाबाद नगरपालिका से निशा ने चेयरमैन पद पर जीत दर्जकर पार्टी का खाता खोला। घरौंडा, पिहोवा और कुंडली नगर पालिका में आप के उम्मीदवारों ने भाजपा उम्मीदवारों को कांटे की टक्कर दी। आप के उम्मीदवार चार स्थानों पर तीसरे और 17 स्थानों पर चौथे स्थान पर रहे हैं। निकाय चुनावों के जरिय आदमी पार्टी 2024 में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर माहौल बनाने की तैयारी में थी। लेकिन कुल वोटों में से सिर्फ 10 फीसदी वोट ही मिले।
विस्तार
हरियाणा के 46 शहरी निकायों में से 25 पर भाजपा-जजपा गठबंधन ने जीत हासिल की है। 19 जगह निर्दलीयों ने बाजी मारी। चेयरमैन पद के लिए सीधा चुनाव हुआ। 25 निकायों में से 22 के चेयरमैन भाजपा और तीन जजपा के होंगे। 19 नगर परिषद-पालिकाओं को निर्दलीय चेयरमैन चलाएंगे। आप और इनेलो का भी एक-एक चेयरमैन जीता है। पहली बार निकाय चुनाव लड़ रही आप अपना खाता खोलने में सफल रही। कांग्रेस ने यह चुनाव पार्टी चिन्ह पर नहीं लड़ा। उसके समर्थित कुछ आजाद उम्मीदवार जीते हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल के गृह जिले में भाजपा तीन निकायों में हार गई। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला अपने गृह विधानसभा क्षेत्र उचाना की नगरपालिका में गठबंधन प्रत्याशी को नहीं जिता पाए। पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली के गृह जिले फतेहाबाद में गठबंधन का एक ही उम्मीदवार जीत पाया। मंत्री के विधानसभा क्षेत्र टोहाना के अलावा रतिया और भूना में भी आजाद उम्मीदवार जीते।
शहरी निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता के गृह जिले हिसार में हांसी और बरवाला दोनों सीट पर गठबंधन प्रत्याशी हार गए। कृषि मंत्री जेपी दलाल के गृह जिले भिवानी में भिवानी नगर परिषद चेयरमैन आजाद उम्मीदवार बनी हैं। सहकारिता मंत्री बनवारी लाल के गृह क्षेत्र बावल में आजाद उम्मीदवार जीत गए। स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता अपने जिले की कालका नगर परिषद, राज्य मंत्री संदीप सिंह पिहोवा नगर पालिका और राज्य मंत्री कमलेश ढांडा अपने जिले की तीनों सीटें गठबंधन की झोली में डालने में कामयाब रहे।
70.04 फीसदी ने किया था मतदान
18 नगर परिषद और 28 नगरपालिकाओं में कुल 18.30 मतदाता हैं। इनमें से 70.04 फीसदी मतदाताओं ने मतदान किया था। यह 2016 के निकाय चुनाव से 11 प्रतिशत कम रहा।
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