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भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने निविदा के बाद संशोधनों के जरिये रियायतकर्ताओं को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए देश के स्वामित्व वाली राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की खिंचाई की है। नियंत्रक महालेखा परीक्षक (कैग) ने यह भी कहा कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) नोट्स जारी करने और मंजूरी को लेकर मंत्रिमंडल सचिवालय के दिशा-निर्देशों का अनुपालन करने में विफल रहा है।
दरअसल, एनएचएआई (NHAI) केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) के प्रशासनिक नियंत्रण में आता है। संसद ((Parliament)) में पेश कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘‘एनएचएआई ने निविदा के बाद संशोधनों (Post Tender Amendments) के जरिये रियायतग्राहियों (परियोजना विकास का काम करने वाली कंपनियों) को अनुचित लाभ (Undue Benefit) पहुंचाया।’’ कैग ने रिपोर्ट (CAG Report) में कहा है, ‘‘कंपनियों की तरफ से देय प्रीमियम एक खुली बोली प्रक्रिया के बाद तैयार किए गए कानूनी अनुबंध के तहत निर्धारित किया गया था। इसमें प्रीमियम की पेशकश वित्तीय बोलियों (प्रस्ताव के लिए अनुरोध) पर निर्णय लेने में एकमात्र मानदंड था।’’
देश में राष्ट्रीय राजमार्ग बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर (बीओटी), बीओटी (प्रत्येक वर्ष भुगतान की जाने वाली एक निश्चित राशि), पथकर (Toll) और इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (EPC) जैसे विभिन्न तरीकों के तहत किए जा रहे हैं।
कैग ने कहा, ‘‘निविदा/अनुबंध के बाद कोई भी संशोधन पूरी निविदा प्रक्रिया में गड़बड़ी करने के समान है। यह अनुबंध की पवित्रता के साथ-साथ अन्य बोलीदाताओं को लेकर भी अनुचित है।’’ रिपोर्ट में कहा गया है कि एनएचएआई ने राजमार्ग परियोजनाओं के संबंध में कंपनियों के प्रस्तावित प्रीमियम के युक्तिसंगत बनाने को लेकर योजना का प्रस्ताव रखा।
कैग के मुताबिक, एनएचएआई निदेशक मंडल की बैठक में प्रीमियम को युक्तिसंगत बनाने की नीति या योजना पर न तो विचार किया गया और न ही इसे मंजूरी दी गई। कैग ने सुझाव दिया कि एनएचएआई कोई नई योजना पेश करने से पहले यह सुनिश्चित कर सकता है कि अनुबंधों के मौजूदा प्रावधानों का अनुपालन हो।
कैग ने सुझाव दिया कि एनएचएआई भुगतान की समाप्ति और ऋण चुकाने को ध्यान में रखते हुए लंबी अवधि में अपने हितों की रक्षा के लिए कुल परियोजना लागत / ऋण की समीक्षा करने के लिए एक तंत्र (Mechanism) शुरू करने पर विचार कर सकता है। ऑडिटर ने यह भी कहा कि एनएचएआई सरकार के हितों की रक्षा के लिए रियायतग्राहियों द्वारा स्थगित प्रीमियम का भुगतान न करने के जोखिम को कवर करने के लिए उचित मात्रा में बैंक गारंटी सुनिश्चित कर सकता है।
रिपोर्ट में भी एनएचएआई को निविदा के बाद अनुबंध संशोधनों से बचने की सिफारिश की गई है। कैग ने कहा कि एनएचएआई या सड़क मंत्रालय को सरकार के मौजूदा नियमों, प्रक्रियाओं और दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए और अपने प्रस्तावों में सभी तथ्यों को रखना चाहिए। खासकर नियमों में बदलाव के समय इसका पालन जरूर होना चाहिए।