बता दें कि हाल ही में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में लिंग परिवर्तन का पहला केस सामने आया है। यहां दो युवक जेंडर चेंज सर्जरी कराकर लड़की बन गए हैं। मेरठ के एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में वरिष्ठ सर्जन डॉ. सुधीर राठी और उनकी टीम ने दो युवकों को सर्जरी कर लड़की बनाया है। डॉ. राठी ने दावा किया कि पश्चिमी यूपी के मेडिकल कॉलेज में पहली बार नई तकनीक से पुरुष से महिला बनाने के लिए सर्जरी की गई है, जो करीब 4 घंटे चली। सर्जरी कराने वालों में से एक मुजफ्फरनगर जिले से है और दूसरे का घर बिजनौर जिले में है। एक की अस्पताल से छुट्टी हो चुकी है, जबकि दूसरा अस्पताल में भर्ती है। दोनों की आयु क्रमश: 18 और 19 वर्ष है। चिकित्सकों का कहना है कि उनके पास प्रतिदिन ऐसे केस आते हैं जिनमें लड़के या लड़की विपरीत लिंग की तरह व्यवहार करते हैं। ऐसे में माता-पिता बच्चे की काउंसलिंग की मांग करते हैं।
डॉ. कमलेंद्र किशोर ने बताया कि यहां यह बात समझने की है कि दो तरह की परिस्थितियां होती हैं। एक यह है जैसी कि मेडिकल कॉलेज में सर्जरी कर लड़के से लड़की और लड़की से लड़का बनाया गया है। ये न लड़की के रूप में पूरी तरह से विकसित हुए न लड़के के रूप में।
मेडिकल कॉलेज के मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. तरुण पाल ने बताया कि कई बार बच्चों को बचपन से लड़की को लड़का और लड़के को लड़की बनाकर परिजन रखते हैं। यह सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन कुछ बच्चों में यह इतनी विकसित हो जाती है कि वास्तव में लड़की खुद को लड़का और लड़का खुद को लड़की समझने लगता है। ऐसे में कई बार परिस्थितियां समस्या का रूप ले लेती हैं। बहुत बार काउंसिलिंग से कई बार समस्या का हल हो जाता है।
केस स्टडी-1
जिला अस्पताल के मनोरोग विभाग में 16 वर्षीय किशोर को लेकर आए दंपती ने डॉ. कमलेंद्र किशोर से कहा कि उनका यह बेटा लड़की की तरह रहता है। इसे काफी समझाया, मगर मानता नहीं। इसकी काउंसिलिंग कीजिए।