मध्य प्रदेश के जबलपुर के एक निजी अस्पताल में आग लग जाने से आठ लोग जिंदा जल गए। अस्पतालों में सुरक्षा मानकों को लेकर हमीरपुर जनपद के अस्पतालों की पड़ताल की गई, तो पाया गया कि आग की घटनाओं से बचाव के पर्याप्त इंतजाम नहीं है। यह कभी भी आग का गोला बन सकते हैं।
वहीं, कई ऐसे अस्पताल भी हैं, जोकि सीएमओ कार्यालय में दर्ज नहीं हैं। जिला प्रशासन भी ऐसे अस्पतालों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा हैै। अगर यही हाल रहा तो हमीरपुर में भी जबलपुर जैसी घटना हो सकती है। जिले के निजी एवं सरकारी समेत 52 अस्पताल अग्निशमन विभाग के एनओसी के बिना ही चल रहे हैं।
वहीं, सिर्फ छह निजी अस्पतालों के पास ही एनओसी है। जबकि निजी अस्पतालों के संचालन के लिए पूर्व एनबीसी (नेशनल बिल्डिंग कोड) फायर एंड लाइफ सेफ्टी के मानकों के अनुरूप कार्य कराकर एनओसी लेना आवश्यक है।
इनके पास है एनओसी
जिले के बृजराज हास्पिटल हमीरपुर, आलोक नर्सिंग होम हमीरपुर, विमल नर्सिंग होम हमीरपुर, ब्रह्मानंद नर्सिंग होम राठ, बृजरानी हास्पिटल राठ, ममता आई केयर मौदहा आदि।
ये हैं बिना एनओसी
जेके हाॅस्पिटल राठ, आदित्य हाॅस्पिटल राठ, मेहरवान हाॅस्पिटल राठ, जेएस कान्हा हाॅस्पिटल राठ, सतीश चंद्र मेमोरियल हाॅस्पिटल राठ, बुंदेलखंड हाॅस्पिटल राठ, प्रांजुल नर्सिंग होम कुछेछा हमीरपुर, इसके अलावा जिला अस्पताल (महिला एवं पुरुष), नौ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 34 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के पास अग्निशमन विभाग की एनओसी नहीं है।
आग से बचाव के लिए क्या इंतजाम होना चाहिए
फायर उपकरण लगे होने चाहिए। स्मोक डिटेक्टर (फायर अलार्म), पानी के लिए टू वे प्वाइंट, रैंप, 450 एलपीएम लगा होना चाहिए। 200 स्क्वायर फीट एरिया के अस्पताल में पानी का टैंक व स्प्रिंकलर लगा होना चाहिए। अस्पताल तक फायर वाहन के पहुंचने की जगह होनी चाहिए। अस्पताल में कम से कम दो गेट होने चाहिए।
विस्तार
मध्य प्रदेश के जबलपुर के एक निजी अस्पताल में आग लग जाने से आठ लोग जिंदा जल गए। अस्पतालों में सुरक्षा मानकों को लेकर हमीरपुर जनपद के अस्पतालों की पड़ताल की गई, तो पाया गया कि आग की घटनाओं से बचाव के पर्याप्त इंतजाम नहीं है। यह कभी भी आग का गोला बन सकते हैं।
वहीं, कई ऐसे अस्पताल भी हैं, जोकि सीएमओ कार्यालय में दर्ज नहीं हैं। जिला प्रशासन भी ऐसे अस्पतालों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा हैै। अगर यही हाल रहा तो हमीरपुर में भी जबलपुर जैसी घटना हो सकती है। जिले के निजी एवं सरकारी समेत 52 अस्पताल अग्निशमन विभाग के एनओसी के बिना ही चल रहे हैं।
वहीं, सिर्फ छह निजी अस्पतालों के पास ही एनओसी है। जबकि निजी अस्पतालों के संचालन के लिए पूर्व एनबीसी (नेशनल बिल्डिंग कोड) फायर एंड लाइफ सेफ्टी के मानकों के अनुरूप कार्य कराकर एनओसी लेना आवश्यक है।
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