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यूएन में भारत के स्थायी मिशन के काउंसलर आर मधुसूदन ने म्यांमार पर अपनी बात रखते हुए कहा कि म्यांमार में किसी भी तरह की अस्थिरता भारत को सीधे तौर पर प्रभावित करती है। उन्होंने कहा कि म्यामांर में बिगड़ती मानवीय स्थिति और हिंसा के कारण हमारी सीमाओं के पार पड़ोसी देश से हजारों लोग आए हैं। बता दें कि म्यामांर में तख्तापलट के बाद काफी खराब हालात हैं।
#WATCH |Any instability in Myanmar impacts India directly. Worsening humanitarian situation & violence have led to an influx of thousands of people from Myanmar across our borders:R Madhu Sudan, Counsellor at Permanent Mission to UN at Informal Briefing on Myanmar
(Source:UN TV) pic.twitter.com/JxdQgY0MaS
— ANI (@ANI) June 13, 2022
बांग्लादेश की सराहना की
वहीं बांग्लादेश की सराहना करते हुए संयुक्त राष्ट्र में आर मधुसूदन ने कहा कि बांग्लादेश के कुछ इलाकों में दस लाख विस्थापित लोगों को शरण दी गई है। हम इसके लिए बांग्लादेश की सराहना करते हैं। आगे बांग्लादेश की इस मामले पर मदद करने को लेकर मधुसूदन ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए यह महत्वपूर्ण है कि बांग्लादेश जिस मानवीय बोझ का सामना कर रहा है, उसे पहचानें और समझें।
भारत ने बांग्लादेश को आर्थिक मदद की बात कही
मधुसूदन ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से बांग्लादेश सरकार के प्रयासों के लिए आर्थिक रूप से अपना समर्थन बढ़ाने का आग्रह किया और साथ ही कहा कि शिविरों में कट्टरता से संबंधित मुद्दों अन्य सुरक्षा चुनौतियों का जल्द से जल्द समाधान किया जाए।
आगे मधुसूदन ने कहा कि सार्थक और व्यावहारिक परिणामों पर पहुंचने के लिए एक सहयोगी और आम सहमति आधारित दृष्टिकोण महत्वपूर्ण है। हमें उन चुनौतियों का समाधान करने के लिए काम करना चाहिए जो संबंधित हितधारकों का सामना करना जारी रखती हैं ताकि इस मानवीय समस्या को समय पर हल किया जा सके।
म्यामांर में मानवीय संकट से महिलाएं और बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित
उन्होंने कहा कि म्यांमार में बिगड़ती मानवीय स्थिति और हिंसा की घटनाओं के कारण म्यांमार से हजारों लोग भारत सीमाओं के पार आ गए हैं। म्यामांर में मानवीय संकट से महिलाएं और बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इसलिए शांति, सुरक्षा और स्थिरता की बहाली हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है।