बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों के अपने आखिरी ग्रुप मैच में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने वेल्स को 4-1 से हरा दिया है। इस तरह टीम सेमीफाइनल में पहुंच गई है। टीम इंडिया पांचवीं बार कॉमनवेल्थ गेम्स के सेमीफाइनल में पहुंची है। इससे पहले टीम 1998, 2010, 2014 और 2018 राष्ट्रमंडल खेलों के सेमीफाइनल में पहुंची थी। 2010 और 2014 में भारतीय टीम फाइनल तक पहुंची थी।
वेल्स के खिलाफ भारत के लिए उपकप्तान हरमनप्रीत सिंह ने सबसे ज्यादा तीन गोल दागे। उन्होंने बर्मिंघम में दूसरी बार गोल की हैट्रिक लगाई। इससे पहले घाना के खिलाफ पहले ग्रुप मैच में भी हरमनप्रीत ने तीन गोल दागे थे। हरमन ने दो गोल पेनल्टी कॉर्नर पर ड्रैग फ्लिक से और एक गोल पेनल्टी स्ट्रोक पर किया। वहीं, एक गोल गुरजंत सिंह ने किया। वेल्स के लिए एकमात्र गोल गैरेथ फरलोंग ने ड्रैग फ्लिक से किया।
पहले क्वार्टर में कोई गोल नहीं
पहले क्वार्टर में दोनों टीमें कोई गोल नहीं कर सकीं। आठवें मिनट में ललित उपाध्याय ने शानदार शॉट लगाया, लेकिन वेल्स के गोलकीपर ने रोक लिया। इसके बाद अगले ही मिनट में वेल्स को पेनल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन वह इस प्रयास में विफल रहे। 10वें मिनट में वेल्स के जेम्स कार्सन ने शॉट लिया, पर वह भारतीय डिफेंडर्स को भेदने में नाकाम रहे।
दूसरे क्वार्टर में भारत ने दागे दो गोल
भारत को 18वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर मिला। इस पर हरमनप्रीत सिंह ने ड्रैग फ्लिक पर बेहतरीन गोल दागा। इसके बाद 19वें मिनट में भारत को एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला। इस पर भी हरमनप्रीत सिंह ने ड्रैग फ्लिक से अपना और टीम के लिए इस मैच का दूसरा गोल दागा। हाफ-टाइम तक भारत ने वेल्स पर 2-0 की बढ़त बनाई हुई थी।
तीसरे क्वार्टर में हरमनप्रीत ने लगाई हैट्रिक
तीसरे क्वार्टर में वेल्स ने काउंटर अटैक किया। हालांकि, उनकी हर कोशिश को भारतीय डिफेंडर्स ने नाकाम किया। इसके बाद 41वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर ललित उपाध्याय के डिफ्लेक्शन को वेल्स के खिलाड़ी ने शरीर से रोका। इस पर रेफरी ने भारत को पेनल्टी स्ट्रोक का न्योता दिया। हरमनप्रीत ने पेनल्टी स्ट्रोक पर गोल दाग भारत को तीसरे क्वार्टर में 3-0 की बढ़त दिलाई।
चौथे क्वार्टर में गुरजंत ने दागा गोल
चौथे क्वार्टर में गुरजंत सिंह ने 49वें मिनट में शानदार फील्ड गोल दागा और भारत को चार गोल की बढ़त दिलाई। इसके बाद वेल्स ने वापसी की कोशिश की और 55वें मिनट में गैरेथ फरलोंग ने पेनल्ट कॉर्नर पर ड्रैग फ्लिक से गोल दागा। इस तरह उन्होंने स्कोर 4-1 कर दिया। हालांकि, तब तक काफी देर हो चुकी थी और भारत ने आखिरी कुछ मिनट में शानदार डिफेंडिंग कर वेल्स को कोई और गोल नहीं करने दिया।
भारत के लिए वेल्स पर जीत जरूरी था
भारत के लिए इस मैच में जीतना या ड्रॉ करना जरूरी था, क्योंकि मैच से पहले भारत के सात और वेल्स के छह अंक थे और इंग्लैंड के सात अंक हैं। हारने पर टीम इंडिया पर बाहर होने का खतरा मंडराने लगता।
पहले मैच में भारत ने घाना को 11-0 से हराया था। वहीं, दूसरे मैच में टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ 4-4 से ड्रॉ खेला था। इस मैच में भी भारतीय टीम 3-0 से आगे चल रही थी। इसके बाद इंग्लैंड ने वापसी करते हुए 4-4 से स्कोर बराबर किया था। वहीं, तीसरे मैच में टीम इंडिया ने कनाडा को 8-0 से रौंद दिया।
टूर्नामेंट में अजेय रहने के साथ ही भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने सेमीफाइनल के लिए अपना दावा मजबूत कर लिया है। कनाडा के खिलाफ जीत के बाद टीम इंडिया अपने ग्रुप (पूल-बी) में पहले नंबर पर पहुंच गई। भारत के फिलहाल तीन मैचों में 7 अंक हैं। इंग्लैंड की टीम पूल बी में दूसरे स्थान पर खिसक गई।
इंग्लैंड को शीर्ष पर फिर से जगह बनाने के लिए अपने अगले मैच में कनाडा के खिलाफ 12-0 से जीत हासिल करनी होगी। वेल्स पूल-बी में तीसरे स्थान पर है। वहीं, पूल-ए में ऑस्ट्रेलियाई टीम टॉप पर है। दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड के समान 4-4 अंक हैं, लेकिन बेहतर गोल डिफ्रेंस की वजह से न्यूजीलैंड दूसरे और दक्षिण अफ्रीका तीसरे स्थान पर है। पाकिस्तान की टीम पूल-ए में चौथे स्थान पर है।
भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने राष्ट्रमंडल खेलों में पहला स्वर्ण पदक जीतने के इरादे से मैदान पर उतरी है। कप्तान मनप्रीत की अगुआई में भारत ने पिछले साल टोक्यो ओलंपिक में 41 साल बाद कांस्य पदक जीता था। इस बार टीम मनप्रीत की अगुआई में राष्ट्रमंडल खेलों में ऑस्ट्रेलियाई दबदबे को खत्म करना चाहती है। ऑस्ट्रेलिया ने अब तक सभी छह स्वर्ण पदक जीते हैं।
गोल्ड कोस्ट 2018 में पदक जीतने से असफल रही भारतीय टीम सफलता की भूखी है। भारत ने 2010 और 2014 में रजत पदक जीता था। पिछले कुछ वर्षों में ऑस्ट्रेलियाई निवासी मुख्य कोच ग्राहम रीड के मार्गदर्शन में भारतीय टीम ने अपने आप में काफी सुधार किया है। राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड जैसे कड़े प्रतिद्वंद्वियों की चुनौती से पार पाना है।
विस्तार
बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों के अपने आखिरी ग्रुप मैच में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने वेल्स को 4-1 से हरा दिया है। इस तरह टीम सेमीफाइनल में पहुंच गई है। टीम इंडिया पांचवीं बार कॉमनवेल्थ गेम्स के सेमीफाइनल में पहुंची है। इससे पहले टीम 1998, 2010, 2014 और 2018 राष्ट्रमंडल खेलों के सेमीफाइनल में पहुंची थी। 2010 और 2014 में भारतीय टीम फाइनल तक पहुंची थी।
वेल्स के खिलाफ भारत के लिए उपकप्तान हरमनप्रीत सिंह ने सबसे ज्यादा तीन गोल दागे। उन्होंने बर्मिंघम में दूसरी बार गोल की हैट्रिक लगाई। इससे पहले घाना के खिलाफ पहले ग्रुप मैच में भी हरमनप्रीत ने तीन गोल दागे थे। हरमन ने दो गोल पेनल्टी कॉर्नर पर ड्रैग फ्लिक से और एक गोल पेनल्टी स्ट्रोक पर किया। वहीं, एक गोल गुरजंत सिंह ने किया। वेल्स के लिए एकमात्र गोल गैरेथ फरलोंग ने ड्रैग फ्लिक से किया।
पहले क्वार्टर में कोई गोल नहीं
पहले क्वार्टर में दोनों टीमें कोई गोल नहीं कर सकीं। आठवें मिनट में ललित उपाध्याय ने शानदार शॉट लगाया, लेकिन वेल्स के गोलकीपर ने रोक लिया। इसके बाद अगले ही मिनट में वेल्स को पेनल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन वह इस प्रयास में विफल रहे। 10वें मिनट में वेल्स के जेम्स कार्सन ने शॉट लिया, पर वह भारतीय डिफेंडर्स को भेदने में नाकाम रहे।
दूसरे क्वार्टर में भारत ने दागे दो गोल
भारत को 18वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर मिला। इस पर हरमनप्रीत सिंह ने ड्रैग फ्लिक पर बेहतरीन गोल दागा। इसके बाद 19वें मिनट में भारत को एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला। इस पर भी हरमनप्रीत सिंह ने ड्रैग फ्लिक से अपना और टीम के लिए इस मैच का दूसरा गोल दागा। हाफ-टाइम तक भारत ने वेल्स पर 2-0 की बढ़त बनाई हुई थी।
तीसरे क्वार्टर में हरमनप्रीत ने लगाई हैट्रिक
तीसरे क्वार्टर में वेल्स ने काउंटर अटैक किया। हालांकि, उनकी हर कोशिश को भारतीय डिफेंडर्स ने नाकाम किया। इसके बाद 41वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर ललित उपाध्याय के डिफ्लेक्शन को वेल्स के खिलाड़ी ने शरीर से रोका। इस पर रेफरी ने भारत को पेनल्टी स्ट्रोक का न्योता दिया। हरमनप्रीत ने पेनल्टी स्ट्रोक पर गोल दाग भारत को तीसरे क्वार्टर में 3-0 की बढ़त दिलाई।
चौथे क्वार्टर में गुरजंत ने दागा गोल
चौथे क्वार्टर में गुरजंत सिंह ने 49वें मिनट में शानदार फील्ड गोल दागा और भारत को चार गोल की बढ़त दिलाई। इसके बाद वेल्स ने वापसी की कोशिश की और 55वें मिनट में गैरेथ फरलोंग ने पेनल्ट कॉर्नर पर ड्रैग फ्लिक से गोल दागा। इस तरह उन्होंने स्कोर 4-1 कर दिया। हालांकि, तब तक काफी देर हो चुकी थी और भारत ने आखिरी कुछ मिनट में शानदार डिफेंडिंग कर वेल्स को कोई और गोल नहीं करने दिया।
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