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जैन आचार्य लोकेश मुनि इन दिनों अमेरिका की यात्रा पर हैं। उन्होंने पिछले सप्ताह अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात की थी। इस दौरान जैन मुनि आचार्य लोकेश मुनि ने अमेरिकी राष्ट्रपति को देश में बंदूक से हिंसा की बढ़ती घटनाओं से निपटने के लिए अमेरिकी स्कूलों में शांति शिक्षा शुरू करने का सुझाव दिया।
दोनों के बीच मुलाकात के दौरान मुनि ने राष्ट्रपति बाइडेन से कहा कि हिंसा का कारण केवल बंदूकें नहीं है, समस्या मानसिकता के साथ है। उन्होंने कहा कि हिंसा का वास्तविक समाधान हमारे मस्तिष्क के अंदर उस मानसिकता को प्रशिक्षित करना है।
एक महीने की अमेरिका यात्रा पर हैं जैन मुनि
गौरतलब है कि जैन आचार्य लोकेश मुनि एक महीने की अमेरिका यात्रा पर हैं। उन्होंने पिछले सप्ताह लॉस एंजिल्स में डेमोक्रेटिक पार्टी के एक कार्यक्रम के इतर राष्ट्रपति बाइडेन से मुलाकात की थी।
अमेरिका में बढ़ रही गोलीबारी की घटनाओं को लेकर उन्होंने राष्ट्रपति को कुछ सुझाव भी दिए। उन्होंने कहा कि इससे निपटने के लिए प्राथमिक स्तर से ही ‘शांति शिक्षा’ शुरू करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका ऐसा करने में सफल होता है, तो इसका स्थायी समाधान खोजा जा सकेगा।
इससे पहले टेक्सास और वर्जीनिया विश्वविद्यालय में बंदूक से हिंसा को लेकर उन्होंने कहा कि बन्दूक मात्र एक यंत्र है, यह एक उपकरण है, वास्तविक समस्या मानव मस्तिष्क की है। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि मैं यह केवल एक भारतीय साधु या जैन संत होने के नाते नहीं कह रहा हूं। यह एक वैज्ञानिक सत्य है, चिकित्सा विज्ञान भी स्वीकार करता है कि यदि छात्र का सहानुभूति तंत्रिका तंत्र या तो पैरासिम्पेथेटिक तंत्रिका तंत्र की तुलना में अधिक सक्रिय है, तो वह या तो एक हीन भावना में चला जाएगा या इतना आक्रामक हो जाएगा कि छात्रों द्वारा कई लोगों को गोली मारते हुए देखा जाए।
हाल ही में 19 बच्चों और दो शिक्षकों की हुई थी हत्या
बता दें कि 24 मई को एक बंदूकधारी ने टेक्सास के उवाल्डे में एक प्राथमिक विद्यालय में घुसकर 19 बच्चों और दो शिक्षकों की हत्या कर दी थी। उस नरसंहार के बाद विभिन्न क्षेत्रों की कई हस्तियों ने अमेरिका में बंदूक के प्रयोग को लेकर जिम्मेदारी सुनिश्चित करने की अपील की है। गौरतलब है कि बंदूक से हिंसा अमेरिका में अकाल मृत्यु का एक प्रमुख कारण है। अमेरिकन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन के अनुसार, देश में हर साल 38, 000 से अधिक लोगों की मौत गोलीबारी की घटना में होती है और लगभग 85,000 लोगों बंदूक से गोली लगने के कारण घायल होते हैं।