इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शहर में जुमे की नमाज के बाद हुए बवाल के मुख्य आरोपी मास्टर माइंड जावेद अहमद का घर गिराए जाने के मामले में पत्र याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि मामले में नियमित याचिका दाखिल की जाए, उसके बाद ही विचार किया जाएगा। मामले में अधिवक्ता समूह की ओर से मुख्य न्यायमूर्ति को पत्र याचिका भेजी गई थी। अधिवक्ताओं के समूह ने अब मंगलवार को जावेद अहमद की पत्नी की ओर से याचिका दाखिल करने की तैयारी की है।
इसके पहले अधिवक्ताओं की ओर से भेजी गई पत्र याचिका पर सोमवार को कोर्ट खुलने के बाद संबंधित अधिवक्ताओं से हाईकोर्ट प्रशासन ने बात की। अधिवक्ता केके राय ने बताया कि मामले में महानिबंधक कार्यालय ने बताया कि नियमित याचिका दायर करें। पत्र याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकती है। उन्होंने बताया कि नियमित याचिका कल दाखिल की जाएगी। इसकी सुनवाई के लिए कोर्ट से प्रार्थना की जाएगी। मामले में कुछ वकीलों ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर याचिका कायम कर हस्तक्षेप करने की मांग की थी। लेकिन, सोमवार को हाईकोर्ट ने उस पर सुनवाई से इनकार कर दिया। कहा कि नियमित याचिका दाखिल की जाए। उस पर सुनवाई होगी।
पूर्व मुख्य न्यायमूर्ति ने कार्रवाई को बताया गलत
इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को पूरी तरह गलत बताया है। पूर्व न्यायमूर्ति ने बुलडोजर से घरों को गिराने के औचित्य पर सवाल उठाते हुए कहा कि तमाम याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट से लेकर देश की तमाम अदालतों में लंबित हैं। यानी अंतिम फैसला आना बाकी है। उन्होंने कहा कि आप एक पल के लिए भी मान लें कि निर्माण अवैध था, वैसे ही करोड़ों भारतीय कैसे रहते हैं, यह अनुमति नहीं है कि आप रविवार को एक घर को ध्वस्त कर दें जब उस घर केसारे लोग हिरासत में हों। उन्होंने कहा कि यह तकनीकी मुद्दा नहीं, बल्कि कानून के शासन का सवाल है।
बवाल के छह आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज
प्रयागराज। जिला न्यायालय ने अटाला में जुमे की नमाज के बाद पथराव आगजनी मामले के आरोप में गिरफ्तार तौसीफ, यूसुफ, सैफ, शहनवाज, जुबैर, फैजल रजा की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। मामले की सुनवाई अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में हुई। सभी अभियुक्तों ने अपनी रिहाई केलिए अलग-अलग जमानत अर्जी दाखिल की थी। अभियोजन की ओर से अंकित तवर, किसलय पांडेय, अविनाश सिंह सहित अन्य अभियोजन अधिकारियों ने पैरवी की।
मामले में अब तक 93 अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। उसमें से छह अभियुक्तों ने अपनी जमानत के लिए अर्जी दाखिल की थी। जुबैर और फैजल रजा की जमानत अर्जी रविवार को ही न्यायिक मजिस्ट्रेट नरेंद्र कुमार खारिज कर दी थी, जबकि चार की जमानत अर्जी सोमवार को खारिज हुई।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शहर में जुमे की नमाज के बाद हुए बवाल के मुख्य आरोपी मास्टर माइंड जावेद अहमद का घर गिराए जाने के मामले में पत्र याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि मामले में नियमित याचिका दाखिल की जाए, उसके बाद ही विचार किया जाएगा। मामले में अधिवक्ता समूह की ओर से मुख्य न्यायमूर्ति को पत्र याचिका भेजी गई थी। अधिवक्ताओं के समूह ने अब मंगलवार को जावेद अहमद की पत्नी की ओर से याचिका दाखिल करने की तैयारी की है।
इसके पहले अधिवक्ताओं की ओर से भेजी गई पत्र याचिका पर सोमवार को कोर्ट खुलने के बाद संबंधित अधिवक्ताओं से हाईकोर्ट प्रशासन ने बात की। अधिवक्ता केके राय ने बताया कि मामले में महानिबंधक कार्यालय ने बताया कि नियमित याचिका दायर करें। पत्र याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकती है। उन्होंने बताया कि नियमित याचिका कल दाखिल की जाएगी। इसकी सुनवाई के लिए कोर्ट से प्रार्थना की जाएगी। मामले में कुछ वकीलों ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर याचिका कायम कर हस्तक्षेप करने की मांग की थी। लेकिन, सोमवार को हाईकोर्ट ने उस पर सुनवाई से इनकार कर दिया। कहा कि नियमित याचिका दाखिल की जाए। उस पर सुनवाई होगी।
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