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बांदा। ओवर लोडिंग और अवैध खनन से खदान कंपनियां के भरते खजाने और खनिज विभाग की रॉयल्टी में भारी गिरावट के बीच अब विधानसभा चुनाव से निपटते ही खनिज विभाग अपने खजाने में छह माह के अंदर 43 करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाने में जुट गया है। खोखली हो चुकीं खदानों को पांच वर्ष के लिए लेने से बिदक रहीं कंपनियां और बालू कारोबारियों को रिझाने के लिए खनिज विभाग ने डेढ़ दर्जन से ज्यादा खदानों को 6-6 माह के लिए पट्टे पर देने का ई-टेंडर जारी कर दिया है। टेंडर इसी माह खुलेंगे।
पूर्व में खदान पांच वर्ष के लिए पट्टे पर दी जाती थी। जनपद की लगभग दो दर्जन खदानों को पांच वर्ष के लिए पट्टे पर लेकर देश-प्रदेश की कई बड़ी कंपनियों और बालू के दिग्गज कारोबारियों ने भारी-भरकम मशीनों से रात-दिन वैध और अवैध खनन कर खदानों को 2 या 3 वर्ष में ही खोखला कर दिया। अब शेष अवधि में इन खदानों की रॉयल्टी जमा करना उनके लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा है। ऐसे में कई चालाक खदान संचालकों ने अवैध खनन आदि की आड़ में खदानों के पट्टे निरस्त करा लिए हैं। इसमें उनकी सिर्फ जमा सिक्योरिटी ही जब्त की गई है। जबकि मासिक रॉयल्टी इससे कई गुना ज्यादा देना पड़ती।
विधानसभा चुनाव आचार संहिता की रोक के चलते खदानों के पट्टे नहीं हुए। अब खनिज विभाग ने जनपद की कई तहसीलों की डेढ़ दर्जन से ज्यादा खदानों को 6-6 माह के लिए पट्टे पर देने को ई-टेंडर आमंत्रित किए हैं। इन खदानों का कुल रकबा 948.81 एकड़ है। खनिज विभाग ने इन खदानों में 38 लाख 57 हजार 475 घन मीटर बालू की उपलब्धता बताई है। साथ ही 150 रुपये प्रति घन मीटर रॉयल्टी की दर से उपलब्ध बालू की कुल रॉयल्टी 43 करोड़ 22 लाख 13 हजार 750 रुपये खनिज के खजाने में जमा कराने का लक्ष्य है।
21 से ई-टेंडर, 2 मई को खुलेंगे
बांदा। खनिज विभाग जिन गांवों के पास केन नदी की खदानों को 6-6 माह के लिए पट्टे पर देने की जुगत में है उनमें सदर तहसील के दुरेड़ी, पथरी, अछरौड़, भुरेड़ी और पैलानी तहसील के खप्टिहा कलां, पैलानी, सिंधनकलां, पड़ोहरा खादर, सांड़ी खादर तथा नरैनी तहसील में लहुरेटा, रिसौरा, बिल्हरका और जरर आदि गांव शामिल हैं। ई-टेंडर 21 से 29 अप्रैल के बीच पड़ेंगे। 2 मई को समिति इन्हें खोलेगी।
बांदा। ओवर लोडिंग और अवैध खनन से खदान कंपनियां के भरते खजाने और खनिज विभाग की रॉयल्टी में भारी गिरावट के बीच अब विधानसभा चुनाव से निपटते ही खनिज विभाग अपने खजाने में छह माह के अंदर 43 करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाने में जुट गया है। खोखली हो चुकीं खदानों को पांच वर्ष के लिए लेने से बिदक रहीं कंपनियां और बालू कारोबारियों को रिझाने के लिए खनिज विभाग ने डेढ़ दर्जन से ज्यादा खदानों को 6-6 माह के लिए पट्टे पर देने का ई-टेंडर जारी कर दिया है। टेंडर इसी माह खुलेंगे।
पूर्व में खदान पांच वर्ष के लिए पट्टे पर दी जाती थी। जनपद की लगभग दो दर्जन खदानों को पांच वर्ष के लिए पट्टे पर लेकर देश-प्रदेश की कई बड़ी कंपनियों और बालू के दिग्गज कारोबारियों ने भारी-भरकम मशीनों से रात-दिन वैध और अवैध खनन कर खदानों को 2 या 3 वर्ष में ही खोखला कर दिया। अब शेष अवधि में इन खदानों की रॉयल्टी जमा करना उनके लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा है। ऐसे में कई चालाक खदान संचालकों ने अवैध खनन आदि की आड़ में खदानों के पट्टे निरस्त करा लिए हैं। इसमें उनकी सिर्फ जमा सिक्योरिटी ही जब्त की गई है। जबकि मासिक रॉयल्टी इससे कई गुना ज्यादा देना पड़ती।
विधानसभा चुनाव आचार संहिता की रोक के चलते खदानों के पट्टे नहीं हुए। अब खनिज विभाग ने जनपद की कई तहसीलों की डेढ़ दर्जन से ज्यादा खदानों को 6-6 माह के लिए पट्टे पर देने को ई-टेंडर आमंत्रित किए हैं। इन खदानों का कुल रकबा 948.81 एकड़ है। खनिज विभाग ने इन खदानों में 38 लाख 57 हजार 475 घन मीटर बालू की उपलब्धता बताई है। साथ ही 150 रुपये प्रति घन मीटर रॉयल्टी की दर से उपलब्ध बालू की कुल रॉयल्टी 43 करोड़ 22 लाख 13 हजार 750 रुपये खनिज के खजाने में जमा कराने का लक्ष्य है।
21 से ई-टेंडर, 2 मई को खुलेंगे
बांदा। खनिज विभाग जिन गांवों के पास केन नदी की खदानों को 6-6 माह के लिए पट्टे पर देने की जुगत में है उनमें सदर तहसील के दुरेड़ी, पथरी, अछरौड़, भुरेड़ी और पैलानी तहसील के खप्टिहा कलां, पैलानी, सिंधनकलां, पड़ोहरा खादर, सांड़ी खादर तथा नरैनी तहसील में लहुरेटा, रिसौरा, बिल्हरका और जरर आदि गांव शामिल हैं। ई-टेंडर 21 से 29 अप्रैल के बीच पड़ेंगे। 2 मई को समिति इन्हें खोलेगी।