ख़बर सुनें
विस्तार
अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेटेटिव की स्पीकर नैंसी पेलोसी की यात्रा के बाद अब चीन ने ताइवान के आसपास अभूतपूर्व सैनिक अभ्यास शुरू कर दिया है। खबरों के मुताबिक ये अभ्यास ताइवान के उतने करीब तक किया जा रहा है, जहां तक इसके पहले चीनी सेना नहीं जाती थी। विशेषज्ञों के मुताबिक इस कार्रवाई के जरिए चीन यह जताना चाहता है कि ताइवान उसका ही हिस्सा है और वह उसकी सीमा में कहीं तक जाकर सैनिक अभ्यास कर सकता है।
पेलोसी की यात्रा पर चीन ने कड़ी नाराजगी जताई थी। चीनी मीडिया में चर्चा थी कि चीनी लड़ाकू विमान हवा में ही पेलोसी के विमान को घेर कर उसे चीन की मुख्य भूमि पर उतरने के लिए मजबूर कर सकते हैं या फिर वे अमेरिकी विमानों को खदेड़ने की कोशिश कर सकते हैं। भड़की जन भावनाओं के बीच इससे चीन के लोगों की उम्मीदें बहुत बढ़ गईं। लेकिन असल में कोई कार्रवाई न होने से वहां मायूसी का माहौल बना। समझा जाता है कि चीनी सेना अब अमेरिका की तरफ से हुए ‘राष्ट्रीय अपमान’ का बदला लेने की कोशिश कर रही है।
वाशिंगटन स्थित थिंक टैंक स्टिमसन सेंटर में चाइना प्रोग्राम की निदेशक युन सुन ने अमेरिकी टीवी चैनल सीएनएन से बातचीत में कहा कि चीनी सैनिक अभ्यास का मकसद ताइवान को दबाना है। अब इस अभ्यास के बाद चीनी सेना ताइवान जलडमरूमध्य में लगातार ऐसी कार्रवाइयां कर सकती है। इससे ऐसा लगता है कि पेलोसी की यात्रा का परिणाम ताइवान के साथ चीन की जोर-जबर्दस्ती बढ़ने के रूप में सामने आएगा। युन ने कहा- ‘ताइवान को दंडित करना इस समय चीन के लिए बेहद अहम हो गया है, क्योंकि वह अमेरिका को सजा देने की स्थिति में नहीं है।’
अब ताइवान को चीन की आर्थिक कार्रवाइयों का नुकसान भी झेलना होगा। पेलोसी की यात्रा के दौरान ही चीन के ताइवान संबंधी मामलों के कार्यालय ने ताइवान से नींबूवंश के फलों और समुद्री खाद्यों के आयात पर रोक लगाने का एलान किया। उधर चीन ने ताइवान को रेत का निर्यात रोकने का भी फैसला किया है। रेत ताइवान के सेमीकंडक्टर चिप इंडस्ट्री के लिए बहुत अहम है और अब तक इसके लिए इसका एकमात्र स्रोत चीन रहा है। लेकिन ताइवान के ब्यूरो ऑफ माइंस ने कहा है कि इस रोक का ताइवान पर सीमित असर ही होगा। खबर है कि ताइवान ने चीनी वायु क्षेत्र से बचते हुए अपनी उड़ानों को जारी रखने के लिए जापान और फिलीपींस से बातचीत शुरू कर दी है।
ताइवान के खिलाफ शुरू की गई कार्रवाइयों के बारे में चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा- ‘अमेरिका और ताइवान के अलगाववादियों को अवश्य ही जिम्मेदारी स्वीकार करनी होगी और अपनी गलतियों की कीमत चुकानी होगी।’ उसी समय सैनिक अभ्यास का कार्यक्रम घोषित किया गया। इस बारे में अमेरिकी नौसेना के पूर्व कैप्टन कार्ल शुस्टर ने कहा है कि चीन अब उस हद से काफी आगे चला गया है, जहां तक वह पहले जाता था। उन्होंने कहा- ‘चीन यह भू-राजनीतिक संदेश दे रहा है कि वह ताइवान के वायु और समुद्री क्षेत्र को जब चाहे बंद कर सकता है।’