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आर्थिक संकट की बदतर होती हालत के बीच अब पाकिस्तान ने भी एक बार फिर दोस्त देशों से उम्मीद जोड़ी है। पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक- स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के कार्यवाहक गवर्नर मुर्तजा सईद ने बताया है कि दोस्त देशों ने चार बिलियन डॉलर की मदद देने का भरोसा दिया है। अखबार द एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया- चार बिलियन डॉलर की मदद का आश्वासन पाने के लिए कई विकल्पों पर विचार-विमर्श चल रहा है। हफ्ते भर के अंदर ये काम हो जाने की आशा है।
समझा जाता है कि सऊदी अरब और चीन पाकिस्तान की मदद करने पर सिद्धांत रूप में सहमत हो गए हैं। सऊदी अरब सबसे पहले इसके लिए राजी हुआ। चीन के साथ इस बारे में बातचीत चल रही है। इस बीच एक वेबसाइट- साउथ एशिया न्यूज ने खबर दी है कि चीन अगले 12 महीनों में दो बिलियन डॉलर का कर्ज देने पर राजी हो गया है।
पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने एक्सप्रेस ट्रिब्यून से बातचीत में पुष्टि की कि एक देश मदद देने को राजी हो गया है। लेकिन उन्होंने उस देश का नाम बताने से इनकार किया। पिछले दिनों अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा था कि अगर पाकिस्तान अन्य स्रोतों से चार बिलियन डॉलर मिलने की गारंटी कर ले, तो वह पाकिस्तान को मदद देने पर विचार के लिए अपने बोर्ड की बैठक बुला सकता है। अगर बोर्ड ने मंजूरी दी, तो आईएमएफ से पाकिस्तान को कर्ज की अगली किस्त के रूप में 1.2 बिलियन डॉलर मिलेंगे।
समझा जाता है कि वित्त मंत्री और स्टेट बैंक के गवर्नर ने ताजा जानकारी आईएमएफ को संतुष्ट करने के लिए ही सार्वजनिक की है। इसके मुताबिक सऊदी अरब कर्ज देने के अलावा कच्चा तेल देने पर भी राजी हुआ है, जिसके लिए पाकिस्तान को अभी भुगतान नहीं करना होगा। पाकिस्तान सरकार के अधिकारियों के मुताबिक संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) भी पाकिस्तान की सहायता करने पर विचार कर रहा है।
इस बीच खबर है कि पाकिस्तानी अधिकारी चीन से वित्तीय सहायता पाने के कई विकल्पों पर बातचीत कर रहे हैं। इनमें नकदी जमा, वाणिज्यिक ऋण और मुद्रा अदला-बदली की द्विपक्षीय सीमा में बढ़ोतरी शामिल है। इसी बीच चीन के एक बयान से भी पाकिस्तान में उम्मीद बढ़ी है। चीन ने चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) परियोजना पर अमल की गति बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की तारीफ की है।
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा- ‘हम प्रधानमंत्री के बयानों की सराहना करते हैं। उन्होंने दोनों देशों के बीच व्यावहारिक सहयोग बढ़ाने के लिए बड़े प्रयास किए हैं।’ समझा जाता है कि सीपीईसी से जुड़ी समस्याएं चीन की एक बड़ी चिंता रही हैं। शहबाज शरीफ ने उन्हें हल करने के लिए अपनी प्रशासनिक मशीनरी का पूरा उपयोग किया है। इससे चीन संतुष्ट है। उसका परिणाम उससे जल्द वित्तीय सहायता मिलने के रूप में आ सकता है।
स्टेट बैंक के गवर्नर मुर्तजा सईद ने कहा- ‘चीन के साथ हमारी बातचीत लगातार चल रही है। हमारी राय यह है कि मुद्रा अदला-बदली का इस्तेमाल द्विपक्षीय व्यापार में भी किया जा सकता है। चीन इस बात को समझ गया है कि द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाना महत्त्वपूर्ण होगा।’