शुक्रवार को हुए बवाल के आरोपियों के घराें की ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। शनिवार को इनके घरों तथा अन्य निर्माण की नापजोख की गई। प्रारंभिक रिपोर्ट डीएम को सौंपी गई है। डीएम के आदेश के बाद रविवार से ध्वस्तीकरण की तैयारी है। प्रशासन की इस कार्रवाई के दौरान वहां भय एवं नाराजगी का माहौल रहा।
पुलिस ने पांच दर्जन से अधिक आरोपियों की सूची तैयार की है। इनकी गिरफ्तारी समेत अन्य कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में जिला प्रशासन, प्रयागराज विकास प्राधिकरण तथा नगर निगम की टीम शनिवार को दिन भर अटाला तथा अन्य क्षेत्रों में मौजूद रही तथा आरोपियों के घरों को चिह्ति किया। टीम के पास 37 आरोपियों की सूची भी रही जिनके खिलाफ पहले दिन मुकदमा लिखाया गया था।
अफसरों का कहना है कि करीब एक दर्जन आरोपियों के घर चिह्ति कर लिए गए हैं। कई के घरों की नाप भी हो चुकी है। पैमाइश के दौरान अतिक्रमण के अलावा पीडीए से नक्शा स्वीकृत है या नहीं इस पर ज्यादा फोकस रहा। यह प्रक्रिया लगातार जारी रहेगी। एसडीएम सदर युवराज सिंह का कहना है कि रिपोर्ट डीएम को सौंपी गई है। उनके आदेश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
एक अन्य अफसर का कहना है कि रविवार को ध्वस्तीकरण की तैयारी है। उधर, प्रशासन की इस कार्रवाई से लोगों में नाराजगी रही। हालांकि, हर तरफ भय एवं दहशत का माहौल रहा। इसकी वजह से गिनती के लोग ही घरों से बाहर निकले। उन्होंने प्रशासन की इस कार्रवाई का विरोध किया। उन्हाेंने निर्दोष लोगों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने का भी आरोप लगाया।
नुकसान का हो रहा आकलन, वसूली का भेजा जाएगा नोटिस
बवाल के दौरान सरकारी संपत्ति को पहुंचाने वालों से वसूली की भी तैयारी की गई है। नुकसान का आकलन किया जा रहा है। सर्वे नगर निगम, पुलिस समेत अन्य विभागों की ओर से अलग-अलग किया जा रहा है। प्रारंभिक सर्वे के अनुसार नगर निगम की छह लाख रुपये की संपत्ति को नुकसान हुआ है। उसकी रिपोर्ट प्रशासन को सौंप दी गई है। वहीं एडीएम सिटी मदन कुमार का कहना है कि नुकसान की भरपाई के लिए वसूली की जाएगी। रिपोर्ट मिलने पर नोटिस भेजा जाएगा।
बयानों से उकसाने वाले भाजपाइयों के खिलाफ हो कार्रवाई
शुक्रवार को अटाला एवं अन्य क्षेत्रों में हुए बवाल के लिए सपा ने सीधे तौर पर भाजपा तथा प्रशासन की उकसाने वाली कार्रवाई को जिम्मेदार ठहराया है। जिलाध्यक्ष योगेंद्र यादव का कहना है कि पुलिस को पहले उकसाने वाला बयान देने के लिए भाजपा के लोगों को गिरफ्तार करना चाहिए।
जिलाध्यक्ष का कहना है कि जिले में अपराध की लगातार घटनाएं हो रही हैं। पुलिस उस पर अंकुश नहीं लगा पा रही है। इस नाकामी को छिपाने के लिए पुलिस उकसाने वाली कार्रवाई कर रही है। उनका कहना है कि पुलिस विभाग के अफसर इस बवाल में सपा के लोगों के शामिल होने की बात कर रहे हैं, जो सरसरा गलत है। इसके अलावा पुलिस निर्दोष लोगों को लक्ष्य कर रही है। यदि निर्दोष लोगों का उत्पीड़न हुआ तो सपा कार्यकर्ता चुप नहीं बैठेंगे। कार्यकर्ता सड़क पर उतरने के लिए बाध्य होेंगे।
एआईकेएमएस का घटना से कोई संबंध नहीं
अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा (एआईकेएमएस) के कार्यकर्ताओं ने महासचिव डॉ.आशीष मित्तल का नाम कानपुर तथा प्रयागराज में हुए बवाल के आरोपियों में शामिल करने की कड़े शब्दों में निंदा की है। प्रदेश अध्यक्ष धर्मपाल सिंह, महासचिव हीरालाल का कहना है कि संगठन की ओर से अनेक मुद्दों को लेकर शांतिपूर्वक ढंग से आंदोलन किया जाता रहा है। सीएए के विरोध में भी डॉ.आशीष मित्तल तथा संगठन के लोग शामिल रहे। इससे नाराज सरकार की सह पर पुलिस इस तरह की कार्रवाई कर रही है।
उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार को डॉ.आशीष मित्तल को नोटिस दिया गया था। इसी क्रम में रविवार को एसीएम की सुनवाई के दौरान दो सामान जमानत के साथ 10 लाख रुपये का बांड मांगा गया। डॉ.आशीष ने भी अटाला के बवाल में शामिल होने के आरोप को खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि एडीजी प्रेम प्रकाश की तरफ से इस तरह का बयान दिया गया, जो गलत है। आशीष का कहना है कि उनका और उनके संगठन का इस तरह के बवाल से कोई संबंध नहीं है।
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शुक्रवार को हुए बवाल के आरोपियों के घराें की ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। शनिवार को इनके घरों तथा अन्य निर्माण की नापजोख की गई। प्रारंभिक रिपोर्ट डीएम को सौंपी गई है। डीएम के आदेश के बाद रविवार से ध्वस्तीकरण की तैयारी है। प्रशासन की इस कार्रवाई के दौरान वहां भय एवं नाराजगी का माहौल रहा।
पुलिस ने पांच दर्जन से अधिक आरोपियों की सूची तैयार की है। इनकी गिरफ्तारी समेत अन्य कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में जिला प्रशासन, प्रयागराज विकास प्राधिकरण तथा नगर निगम की टीम शनिवार को दिन भर अटाला तथा अन्य क्षेत्रों में मौजूद रही तथा आरोपियों के घरों को चिह्ति किया। टीम के पास 37 आरोपियों की सूची भी रही जिनके खिलाफ पहले दिन मुकदमा लिखाया गया था।
अफसरों का कहना है कि करीब एक दर्जन आरोपियों के घर चिह्ति कर लिए गए हैं। कई के घरों की नाप भी हो चुकी है। पैमाइश के दौरान अतिक्रमण के अलावा पीडीए से नक्शा स्वीकृत है या नहीं इस पर ज्यादा फोकस रहा। यह प्रक्रिया लगातार जारी रहेगी। एसडीएम सदर युवराज सिंह का कहना है कि रिपोर्ट डीएम को सौंपी गई है। उनके आदेश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
एक अन्य अफसर का कहना है कि रविवार को ध्वस्तीकरण की तैयारी है। उधर, प्रशासन की इस कार्रवाई से लोगों में नाराजगी रही। हालांकि, हर तरफ भय एवं दहशत का माहौल रहा। इसकी वजह से गिनती के लोग ही घरों से बाहर निकले। उन्होंने प्रशासन की इस कार्रवाई का विरोध किया। उन्हाेंने निर्दोष लोगों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने का भी आरोप लगाया।
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