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दिग्गज नेता आरसीपी सिंह ने जदयू की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले सुबह ही पार्टी ने उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था और उन्हें नोटिस भेजकर जवाब मांगा था। अपने गांव से इस्तीफे का एलान करते हुए आरसीपी सिंह ने जदयू को डूबता जहाज बताया। आरसीपी सिंह ने मुस्तफापुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी छोड़ने की घोषणा की और अपनी पार्टी बनाने की बात कही।
उन्होंने कहा कि मुझे बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। मेरे नाम कोई भी जमीन नहीं है। मुझ जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं, वह सभी निराधार हैं। जदयू की ईर्ष्या का कोई इलाज नहीं है। मैं इन हालातों में उनके साथ आगे नहीं बढ़ सकता।
इससे पहले जदयू ने उन पर आरोप लगाया कि राज्यसभा सांसद और फिर केंद्रीय मंत्री रहते हुए आरसीपी सिंह ने अकूत अचल संपत्ति बनाई है। वह भी गलत तरीके से। राज्यसभा की सदस्यता खत्म होने पर पिछले महीने ही आरसीपी सिंह ने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दिया था।
एक बात यह भी है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह में पिछले कुछ समय से काफी खटास बढ़ गई थी। यही कारण है कि मंत्री पद जाते ही खुद की पार्टी से इतने बड़े आरोप लगने पर कई तरह के सवाल खड़े होने लगे हैं। कहा जाने लगा था कि जेडीयू में कुछ लोग हैं, जो आरसीपी सिंह की राजनीति खत्म करना चाहते हैं।