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उत्तर भारत में लोग भीषण गर्मी से परेशान हैं, मानसून के भी आने में देर है। इस बीच देश में बिजली की मांग रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने जानकारी दी कि पीएम मोदी के आठ साल के कार्यकाल में लाखों वंचित परिवारों तक बिजली कनेक्शन पहुंचा है, इस साल देश में बिजली की मांग में रिकॉर्ड 40,000 से 45,000 मेगावाट प्रति दिन की वृद्धि हुई है।
आज बिजली वितरण व्यवस्था मजबूत
उन्होंने कहा कि आठ साल में वितरण व्यवस्था के मजबूत होने से आज सरकार 23 से 23.5 घंटे बिजली की आपूर्ति कर पा रही है। 9 जून को भारत की बिजली की मांग 2,10,792 मेगावाट के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई। उस दिन बिजली की खपत 471.2 करोड़ यूनिट थी।
आपूर्ति बढ़ाने के लिए कोयला आयात के आदेश
केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने कहा कि बिजली संयंत्र अपनी पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं ताकि इस मांग को पूरा किया जा सके। केंद्र सरकार ने घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए कोयला आयात के आदेश दिए हैं। साथ ही मंत्री ने कहा कि पिछले आठ साल में पूरा बिजली क्षेत्र बदल गया है। 2014 से पहले, देश में बिजली की कमी थी और बिजली कटौती आम थी।
आज बिजली सरप्लस में
बिजली मंत्री आरके सिंह ने एक एनजीओ सर्वे का जिक्र करते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर ग्रामीण इलाकों में 12.5 घंटे बिजली मिलती थी। आज यह आंकड़ा 22.5 घंटे पर पहुंच गया है। साथ ही उन्होंने दावा किया कि भारत में कभी बिजली की भारी कमी थी। लेकिन आज हमारे बिजली सरप्लस में है।
आज पूरा देश एक ही ग्रिड से जुड़ गया है
उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि आठ साल में 1,69,000 मेगावाट बिजली क्षमता जोड़ी गई है। साथ ही कहा कि हमारी कुल बिजली क्षमता 4,00,000 मेगावाट (400 गीगावाट) तक पहुंच गई है। वहीं, अधिकतम बिजली की मांग केवल 215 गीगावॉट है।आगे कहा कि 1.66 लाख सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइन बिछाने के बाद आज पूरा देश एक ही ग्रिड से जुड़ गया है। पुरानी लाइनों को बदलकर वितरण व्यवस्था में सुधार किया गया है।