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कदौरा। ब्लाक क्षेत्र कदौरा के अकबरपुर गांव में स्ट्रीट लाइट घपले का खुलासा उपनिदेशक पंचायत झांसी मंडल की जांच में हुआ है। उन्होंने 12 जुलाई को गांव अकबरपुर पहुंचकर ग्राम पंचायत में लगाई गई स्ट्रीट लाइटों का सत्यापन किया था। सत्यापन के दौरान 260 स्ट्रीट लाइटों में कुल 83 स्ट्रीट लाइट ही मौके पर लगी मिलीं। 177 स्ट्रीट लाइटें भौतिक सत्यापन में गायब मिलीं। जिस पर उन्होंने जवाब तलब किया।
कोई भी जिम्मेदार इसका जवाब नही दे पाया। इसके अलावा दूसरी अनियमितताएं भी पाई गईं। इस पर जिलाधिकारी 23 जुलाई को पत्र जारी करके राशि की रिकवरी करने और दोषियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
स्ट्रीट लाइट लगाने में दूसरी अनियमितताएं भी की गई हैं। शासन से अनुमोदित फर्मों से स्ट्रीट लाइटें न खरीदकर दूसरी कंपनियों से खरीददारी की गई। स्ट्रीट लाइटों में 2 मीटर जीआई पाइप की जगह 1 फीट का जीआई पाइप लगाया गया। स्ट्रीट लाइट में निर्धारित दो क्लेम्प न लगा कर 1 क्लेम्प लगाया। जबकि शासन ने मानक के अनुसार स्ट्रीट लाइटें लगाने के निर्देश दिए थे। सत्यापन में 83 लाइट 40 वाट की पाई गई। जिसकी लागत प्रति यूनिट 1850 रुपये से लेकर 2360 रुपये प्रति यूनिट पाई गई। 45 वाट की कोई लाइट नहीं लगाई गई। उपनिदेशक पंचायत झांसी मंडल ने रिपोर्ट शासन को भेज दी। इसमें तीन लाख 93 हजार रुपये की सरकारी राशि के गबन की बात कही गई।
जिलाधिकारी चांदनी सिंह ने सरकारी धनराशि का गबन करने पर तत्कालीन प्रशासक मनोज कुमार गुप्ता, एडीओ आईएसबी पर एक लाख 39 हजार पांच सौ रुपये, ग्राम विकास अधिकारी नवीन कुमार से एक लाख 96 हजार पांच सौ रुपये, ग्राम प्रधान रामशंकर से 57 हजार, वही ग्राम प्रधान रामशंकर पर 57000 की रिकवरी करने के निर्देश 23 जुलाई को दिए थे। लगभग एक पखवाड़ा बीतने को है अधिकारियों ने अभी इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। इस मामले में बीडीओ ब्रजकिशोर कुशवाहा का कहना है कि अभी मामले की जांच चल रही है। ये पूछने पर कि डीएम के निर्देश के बाद भी कौन सी जांच चल रही है, इसका वे कोई जवाब नहीं दे पाए।
कदौरा। ब्लाक क्षेत्र कदौरा के अकबरपुर गांव में स्ट्रीट लाइट घपले का खुलासा उपनिदेशक पंचायत झांसी मंडल की जांच में हुआ है। उन्होंने 12 जुलाई को गांव अकबरपुर पहुंचकर ग्राम पंचायत में लगाई गई स्ट्रीट लाइटों का सत्यापन किया था। सत्यापन के दौरान 260 स्ट्रीट लाइटों में कुल 83 स्ट्रीट लाइट ही मौके पर लगी मिलीं। 177 स्ट्रीट लाइटें भौतिक सत्यापन में गायब मिलीं। जिस पर उन्होंने जवाब तलब किया।
कोई भी जिम्मेदार इसका जवाब नही दे पाया। इसके अलावा दूसरी अनियमितताएं भी पाई गईं। इस पर जिलाधिकारी 23 जुलाई को पत्र जारी करके राशि की रिकवरी करने और दोषियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
स्ट्रीट लाइट लगाने में दूसरी अनियमितताएं भी की गई हैं। शासन से अनुमोदित फर्मों से स्ट्रीट लाइटें न खरीदकर दूसरी कंपनियों से खरीददारी की गई। स्ट्रीट लाइटों में 2 मीटर जीआई पाइप की जगह 1 फीट का जीआई पाइप लगाया गया। स्ट्रीट लाइट में निर्धारित दो क्लेम्प न लगा कर 1 क्लेम्प लगाया। जबकि शासन ने मानक के अनुसार स्ट्रीट लाइटें लगाने के निर्देश दिए थे। सत्यापन में 83 लाइट 40 वाट की पाई गई। जिसकी लागत प्रति यूनिट 1850 रुपये से लेकर 2360 रुपये प्रति यूनिट पाई गई। 45 वाट की कोई लाइट नहीं लगाई गई। उपनिदेशक पंचायत झांसी मंडल ने रिपोर्ट शासन को भेज दी। इसमें तीन लाख 93 हजार रुपये की सरकारी राशि के गबन की बात कही गई।
जिलाधिकारी चांदनी सिंह ने सरकारी धनराशि का गबन करने पर तत्कालीन प्रशासक मनोज कुमार गुप्ता, एडीओ आईएसबी पर एक लाख 39 हजार पांच सौ रुपये, ग्राम विकास अधिकारी नवीन कुमार से एक लाख 96 हजार पांच सौ रुपये, ग्राम प्रधान रामशंकर से 57 हजार, वही ग्राम प्रधान रामशंकर पर 57000 की रिकवरी करने के निर्देश 23 जुलाई को दिए थे। लगभग एक पखवाड़ा बीतने को है अधिकारियों ने अभी इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। इस मामले में बीडीओ ब्रजकिशोर कुशवाहा का कहना है कि अभी मामले की जांच चल रही है। ये पूछने पर कि डीएम के निर्देश के बाद भी कौन सी जांच चल रही है, इसका वे कोई जवाब नहीं दे पाए।