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खाने-पीने का सामान सस्ता होने और पेट्रोल-डीजल की कीमतों में गिरावट से मई में खुदरा महंगाई के मोर्चे पर राहत मिली। सरकार की ओर से उत्पाद शुल्क में कटौती करने और आरबीआई के नीतिगत दरों में बढ़ोतरी जैसे कदम से भी उपभोक्ता कीमतों पर आधारित (सीपीआई) महंगाई नीचे आई है। हालांकि, यह अब भी केंद्रीय बैंक के 6 फीसदी के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है।
राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) के सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर मई, 2022 में कम होकर 7.97 फीसदी पर आ गई। अप्रैल में यह 8.31 फीसदी रही थी। सीपीआई में खाद्य वस्तुओं की हिस्सेदारी 39.06 फीसदी है।
केंद्र सरकार ने 21 मई को पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 8 रुपये और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर कटौती की थी। इसके बाद 6 राज्यों ने भी वैट में कमी की थी। इससे माल ढुलाई की लागत घटी है, जिससे खुदरा महंगाई में कमी आई है।
इसके अलावा, सोयाबीन जैसे खाद्य तेलों पर लगने वाले आयात शुल्क में कटौती की गई है। सरकार ने आरबीआई को खुदरा महंगाई को दो फीसदी की कमी-वृद्धि के साथ चार फीसदी पर रखने का लक्ष्य दिया है।
सब्जियों की महंगाई बढ़ी
अन्य खाद्य वस्तुओं के दाम घटने के बीच मई में सब्जियों की कीमतों में तेजी दर्ज की गई। इस दौरान सब्जियों की महंगाई दर 2.85 फीसदी बढ़कर 18.26 फीसदी पर पहुंच गई। अप्रैल में यह दर 15.41 फीसदी रही थी। इसी तरह, आवासीय परियोजनाओं की लागत में इजाफा हुआ है। इन परियोजनाओं की महंगाई दर बढ़कर 3.71 फीसदी पहुंच गई, जो अप्रैल में 3.47 फीसदी रही थी।
इन उत्पादों की कीमतों में राहत
वस्तु मई अप्रैल
अनाज 5.33 फीसदी 5.96 फीसदी
तेल एवं वसा 13.26 फीसदी 17.28 फीसदी
फल 2.33 फीसदी 4.99 फीसदी
दाल 4.2 फीसदी 1.86 फीसदी
ईंधन-बिजली 9.54 फीसदी 10.80 फीसदी
कपड़े-जूते 8.85 फीसदी 9.85 फीसदी
इस साल आरबीआई के दायरे से ज्यादा रही सीपीआई
महीना दर
जनवरी 6.01 फीसदी
फरवरी 6.07 फीसदी
मार्च 6.95 फीसदी
अप्रैल 7.79 फीसदी
मई 7.04 फीसदी