हमारा कसबा
  • हमारा कसबा
  • बुंदेलखंड
  • राष्ट्रीय
  • बिजनेस
  • स्पेशल
  • क्रिकेट
  • दुनिया
  • टेक ज्ञान
  • लाइफस्टाइल
No Result
View All Result
SUBSCRIBE
हमारा कसबा
  • हमारा कसबा
  • बुंदेलखंड
  • राष्ट्रीय
  • बिजनेस
  • स्पेशल
  • क्रिकेट
  • दुनिया
  • टेक ज्ञान
  • लाइफस्टाइल
No Result
View All Result
हमारा कसबा
No Result
View All Result
Home Market

Supreme Court Of India : Release Of Undertrial Prisoners Is True Celebration Of Azadi Ka Amrit Mahotsav – Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट ने कहा- विचाराधीन कैदियों की रिहाई सही मायने में आजादी के अमृत महोत्सव का जश्न

News Desk by News Desk
August 5, 2022
in Market
0
Advice On Implementing Digital Din System In States – Supreme Court: राज्यों में डिजिटल डीआईएन प्रणाली लागू करने की सलाह, सुप्रीम कोर्ट ने दिया निर्देश


You might also like

Jammu : Chadi Mubarak Reaches Panchtarni, Will Visit Holy Cave Today – Jammu Kashmir News : छड़ी मुबारक शेषनाग से पंचतरणी पहुंची, आज पवित्र गुफा के दर्शन करेगी

Encroachment On Land Of Canals Worth Rs 150 Crore In Agra – Amar Ujala Exclusive : ताजनगरी में ‘चोरी’ हो गई नहरों की 100 हेक्टेयर जमीन

Biography Of Former Chief Ministers Removed From Fifth Syllabus In Haryana – Haryana News: पांचवीं के पाठ्यक्रम से हटाई पूर्व मुख्यमंत्रियों की जीवनी, विपक्ष ने जताया विरोध

ख़बर सुनें

ख़बर सुनें

Supreme Court Of India : सुप्रीम कोर्ट ने कहा, वर्षों से जेल में बंद कैदियों की रिहाई ही भारत की आजादी के 75वें वर्ष (अमृत महोत्सव) का जश्न मनाने का एक सही तरीका होगा। केंद्र सरकार को जल्द ऐसी कोई योजना तैयार करनी चाहिए जिससे विचाराधीन व छोटे अपराधों में शामिल कैदियों की रिहाई हो सके।

जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एमएम सुंदरेश की पीठ ने कहा, अगर न्यायपालिका 10 साल के भीतर मामलों का फैसला नहीं कर सकती है तो कैदियों को आदर्श रूप से जमानत पर छोड़ दिया जाना चाहिए। अगर किसी व्यक्ति को 10 साल बाद अंतत: बरी कर दिया जाता है तो उसे अपने जीवन के साल वापस नहीं मिल सकते हैं। 

जस्टिस कौल ने केंद्र सरकार की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) केएम नटराज से कहा, सरकार आजादी के 75 साल को ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के रूप में मना रही है। ऐसे विचाराधीन व वे कैदी जो अपनी सजा का एक बड़ा हिस्सा जेल में काट चुके हैं, उन्हें रिहा करने का उपाय करना सही मायने में उत्सव का उपयोग है। 

आइडिया यह है कि जेलों और ट्रायल कोर्ट का बोझ कम हो। इसके लिए केंद्र को राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से बातचीत कर नीति विकसित करनी चाहिए। जिससे कुछ श्रेणियों के विचाराधीन कैदियों व दोषियों को एक निश्चित अवधि के बाद रिहा किया जा सके।

पीठ ने ये टिप्पणियां तब कीं जब उसने देश के हाईकोर्ट में लंबे समय से लंबित अपीलों और जमानत आवेदनों का जायजा लिया और पाया कि आरोपी और दोषी मामलों के निपटारे की प्रतीक्षा कर रहे हैं। पिछले साल पीठ ने विचाराधीन कैदियों और अपील के लंबित रहने के दौरान कैदियों को जमानत देने के अपने निर्देशों के कार्यान्वयन की निगरानी को लेकर स्वत: संज्ञान कार्यवाही शुरू की थी।

ऐसा बिलकुल नहीं कि अपराध करने वाले को सजा नहीं होनी चाहिए
पीठ ने कहा, हम यह नहीं कह रहे हैं कि जिसने अपराध किया है उसे कैद नहीं होना चाहिए। लेकिन लंबे समय तक ट्रायल चलना और किसी को दोषसिद्धि के बिना लंबे समय तक सलाखों के पीछे रखना समाधान नहीं हो सकता है। साथ ही, पहली बार छोटे अपराधों के दोषियों को अच्छे व्यवहार के बांड पर रिहा किया जा सकता है।

इसी तरह, संभावित सजा का एक तिहाई या इससे अधिक की अवधि से जेल में गुजारने के बाद विचाराधीन कैदियों को भी जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए। जवाब में एएसजी नटराज ने कहा, पीठ के सुझाव को मौजूदा कानूनी ढांचे के तहत परीक्षण करना होगा।

‘आउट ऑफ बाक्स’ जाकर सोचें
पीठ ने केंद्र से ‘आउट ऑफ बॉक्स’ सोचने का आग्रह किया। पीठ ने कहा, यह एक चिंताजनक मसला है। आपको लीक से हटकर सोचना चाहिए। 10 साल बाद सभी आरोपों से बरी होने पर कौन उन्हें उनकी जिंदगी वापस देने वाला है। अगर हम 10 साल के भीतर किसी मामले का फैसला नहीं कर सकते हैं तो उन्हें आदर्श रूप से जमानत दे दी जानी चाहिए।

पीठ ने इस पर भी खेद व्यक्त किया कि निचली अदालतों के समक्ष सजा के दंडात्मक सिद्धांत को प्राथमिकता दी जाती है। दंड के सुधारवादी सिद्धांत की पूरी तरह से अनदेखी की जाती है। सजा का एक उद्देश्य यह भी है कि आरोपी को समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जाए। 

ऐसा इस साल ही होगा, 15 अगस्त से पहले कुछ शुरुआत जरूर करें 
एएसजी द्वारा यह कहने पर कि वह इस संबंध में निर्देश लाएंगे, पीठ ने कहा, यह केवल इस साल हो सकता है, बाद में नहीं होगा। पीठ ने कहा कि 15 अगस्त से पहले कुछ शुरुआत करें। कम से कम कुछ टोकन के तौर पर तुरंत किया जा सकता है। इससे एक बड़ा संदेश जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि लोगों को सलाखों के पीछे डालना या जमानत का विरोध करना। कभी भी समाधान नहीं हो सकता है।

विस्तार

Supreme Court Of India : सुप्रीम कोर्ट ने कहा, वर्षों से जेल में बंद कैदियों की रिहाई ही भारत की आजादी के 75वें वर्ष (अमृत महोत्सव) का जश्न मनाने का एक सही तरीका होगा। केंद्र सरकार को जल्द ऐसी कोई योजना तैयार करनी चाहिए जिससे विचाराधीन व छोटे अपराधों में शामिल कैदियों की रिहाई हो सके।

जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एमएम सुंदरेश की पीठ ने कहा, अगर न्यायपालिका 10 साल के भीतर मामलों का फैसला नहीं कर सकती है तो कैदियों को आदर्श रूप से जमानत पर छोड़ दिया जाना चाहिए। अगर किसी व्यक्ति को 10 साल बाद अंतत: बरी कर दिया जाता है तो उसे अपने जीवन के साल वापस नहीं मिल सकते हैं। 

जस्टिस कौल ने केंद्र सरकार की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) केएम नटराज से कहा, सरकार आजादी के 75 साल को ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के रूप में मना रही है। ऐसे विचाराधीन व वे कैदी जो अपनी सजा का एक बड़ा हिस्सा जेल में काट चुके हैं, उन्हें रिहा करने का उपाय करना सही मायने में उत्सव का उपयोग है। 

आइडिया यह है कि जेलों और ट्रायल कोर्ट का बोझ कम हो। इसके लिए केंद्र को राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से बातचीत कर नीति विकसित करनी चाहिए। जिससे कुछ श्रेणियों के विचाराधीन कैदियों व दोषियों को एक निश्चित अवधि के बाद रिहा किया जा सके।

पीठ ने ये टिप्पणियां तब कीं जब उसने देश के हाईकोर्ट में लंबे समय से लंबित अपीलों और जमानत आवेदनों का जायजा लिया और पाया कि आरोपी और दोषी मामलों के निपटारे की प्रतीक्षा कर रहे हैं। पिछले साल पीठ ने विचाराधीन कैदियों और अपील के लंबित रहने के दौरान कैदियों को जमानत देने के अपने निर्देशों के कार्यान्वयन की निगरानी को लेकर स्वत: संज्ञान कार्यवाही शुरू की थी।

ऐसा बिलकुल नहीं कि अपराध करने वाले को सजा नहीं होनी चाहिए

पीठ ने कहा, हम यह नहीं कह रहे हैं कि जिसने अपराध किया है उसे कैद नहीं होना चाहिए। लेकिन लंबे समय तक ट्रायल चलना और किसी को दोषसिद्धि के बिना लंबे समय तक सलाखों के पीछे रखना समाधान नहीं हो सकता है। साथ ही, पहली बार छोटे अपराधों के दोषियों को अच्छे व्यवहार के बांड पर रिहा किया जा सकता है।

इसी तरह, संभावित सजा का एक तिहाई या इससे अधिक की अवधि से जेल में गुजारने के बाद विचाराधीन कैदियों को भी जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए। जवाब में एएसजी नटराज ने कहा, पीठ के सुझाव को मौजूदा कानूनी ढांचे के तहत परीक्षण करना होगा।



Source link

News Desk

News Desk

Recommended For You

Jammu : Chadi Mubarak Reaches Panchtarni, Will Visit Holy Cave Today – Jammu Kashmir News : छड़ी मुबारक शेषनाग से पंचतरणी पहुंची, आज पवित्र गुफा के दर्शन करेगी

by News Desk
August 11, 2022
0
Jammu : Chadi Mubarak Reaches Panchtarni, Will Visit Holy Cave Today – Jammu Kashmir News : छड़ी मुबारक शेषनाग से पंचतरणी पहुंची, आज पवित्र गुफा के दर्शन करेगी

ख़बर सुनें ख़बर सुनें पवित्र छड़ी मुबारक वीरवार को शेषनाग से पंचतरणी में पहुंच गईं। श्रावण पूर्णिमा पर शुक्रवार प्रात: छड़ी मुबारक अमरनाथ की पवित्र गुफा में पहुंचेगी।...

Read more

Encroachment On Land Of Canals Worth Rs 150 Crore In Agra – Amar Ujala Exclusive : ताजनगरी में ‘चोरी’ हो गई नहरों की 100 हेक्टेयर जमीन

by News Desk
August 11, 2022
0
Encroachment On Land Of Canals Worth Rs 150 Crore In Agra – Amar Ujala Exclusive : ताजनगरी में ‘चोरी’ हो गई नहरों की 100 हेक्टेयर जमीन

ख़बर सुनें ख़बर सुनें ताजनगरी में 150 करोड़ रुपये की नहर ‘चोरी’ हो गई। सिकंदरा रजवाह, पार्क नहर, दयालबाग नहर, मघटई नहर की 100 हेक्टेयर से अधिक सरकारी...

Read more

Biography Of Former Chief Ministers Removed From Fifth Syllabus In Haryana – Haryana News: पांचवीं के पाठ्यक्रम से हटाई पूर्व मुख्यमंत्रियों की जीवनी, विपक्ष ने जताया विरोध

by News Desk
August 11, 2022
0
Biography Of Former Chief Ministers Removed From Fifth Syllabus In Haryana – Haryana News: पांचवीं के पाठ्यक्रम से हटाई पूर्व मुख्यमंत्रियों की जीवनी, विपक्ष ने जताया विरोध

ख़बर सुनें ख़बर सुनें हरियाणा सरकार ने स्कूली पाठ्यक्रम से पूर्व मुख्यमंत्रियों और महाराजा अग्रसेन की जीवनियों को हटा दिया है। नए पाठ्यक्रम में इनकी जीवनी न होने...

Read more

Mahant Narendra Giri Case: Hearing In Anand Giri’s Bail Case Postponed – महंत नरेंद्र गिरि केस : आनंद गिरि की जमानत के मामले में सुनवाई टली

by News Desk
August 11, 2022
0
Mahant Narendra Giri Case: Hearing In Anand Giri’s Bail Case Postponed – महंत नरेंद्र गिरि केस : आनंद गिरि की जमानत के मामले में सुनवाई टली

ख़बर सुनें ख़बर सुनें अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और महंत नरेंद्र गिरि की आत्महत्या मामले में आरोपी शिष्य आनंद गिरि की जमानत पर बृहस्पतिवार को सुनवाई टल गई...

Read more

Businessman Body Found In Lift Hole Of Kolkata Pub – West Bengal: कोलकाता के एक पब के लिफ्ट होल में मिला एक कारोबारी का शव, जांच में जुटी पुलिस

by News Desk
August 11, 2022
0
Businessman Body Found In Lift Hole Of Kolkata Pub – West Bengal: कोलकाता के एक पब के लिफ्ट होल में मिला एक कारोबारी का शव, जांच में जुटी पुलिस

ख़बर सुनें ख़बर सुनें मध्य कोलकाता के हरे स्ट्रीट इलाके में एक पब की इमारत में लिफ्ट के होल में एक व्यापारी का शव मिलने के बाद पुलिस...

Read more
Next Post
Banda: Search Of Jailed Mafia Mukhtar Barracks – Banda: जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के बैरक की देर रात तलाशी, सुबह भाई ने की थी मुलाकात

Banda: Search Of Jailed Mafia Mukhtar Barracks - Banda: जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के बैरक की देर रात तलाशी, सुबह भाई ने की थी मुलाकात

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हमारा कसबा

हम इमानदारी की पत्रकारिता में विश्वास रखते हैं. हमारा एकमात्र एजेंडा गाँव और अपनी जड़ों से जुड़े उन मुद्दों को एक राष्ट्रीय मंच देना है जो मेनस्ट्रीम मीडिया में जगह नहीं बना पाते. हमारे काम पर किसी भी कॉर्पोरेट समूह, राजनैतिक पार्टी, विचारधारा अथवा व्यक्ति का कोई दबाव नहीं है.

हमसे जुड़ें

Mob.- 8400008003

Mail – [email protected]

whatsapp – 8400008003

Add. – 21, Krishna Nagar, Lucknow 226023

© 2020 Unit by - Lazy Clicks Lazy clicks.

No Result
View All Result
  • हमारा कसबा
  • बुंदेलखंड
  • राष्ट्रीय
  • बिजनेस
  • स्पेशल
  • क्रिकेट
  • दुनिया
  • टेक ज्ञान
  • लाइफस्टाइल

© 2020 Unit by - Lazy Clicks Lazy clicks.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?