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हमीरपुर-मौदहा। मोहर्रम की पांचवें दिन दोपहर बाद ताजियों के निकलने के क्रम शुरू हुआ। मातमी धुन के बीच ताजिये निकले।
शहर के सूफीगंज तिराहे से शुरू मातमी जुलूस कोतवाली होते हुए अमन शहीद, रहुनियां धर्मशाला, छोटे बड़े सरकार, कालपी चौराहा, रमेड़ी व अकिल तिराहा होते हुए वापस आया। जुलूस में अकीदतमंद मातमी धुनों के साथ चलते रहे। जुलूस के साथ सुरक्षा व्यवस्था के लिए कोतवाल दुर्गविजय सिंह पुलिस बल के साथ शामिल रहे। मौदहा संवाद के अनुसार अलम का मातमी जुलूस कजियाना मोहल्ला स्थित इमामअली गंधीगर इमामबाड़े से फातहा के बाद निकाला गया। ताजिया कौमी एकता के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। वहीं लंगर भी लगातार जारी है। अलम में मातमी धुनों व इमाम के नारों के साथ जुलूस आगे बढ़ता रहा। उन लोगों के घरों तक भी ढालें और नेजें पहुंचे, जिन्होंने इसकी मान्यता की थी। सुरक्षा व्यवस्था के लिए कोतवाल पवन कुमार पटेल भारी पुलिस बल के साथ लगे रहे।
राठ संवाद के मुताबिक मोहर्रम की पांच तारीख को गुरुवार देर शाम बुर्राक जुलूस निकाला गया। पठनऊ मोहल्ला निवासी इकबाल हुसैन व गुलाम हुसैन के यहां से जुलूस उठा। कस्बे में विभिन्न इमाम चौकों से होते हुए शुक्रवार सुबह पांच बजे अपने स्थान पर पहुंचेगा। बुर्राक के आगे अलम चल रहे थे। ढोलों पर मातमी धुनें बज रहीं थीं। युवा या हुसैन, या हुसैन के नारे लगा रहे थे। जुलूस मार्ग पर स्टाल लगा अकीदतमंदों को शर्बत पिलाया गया। जुलूस में दानिश खान, शहंशाह हुसैन, सददाम हुसैन, राशिद, फैसल, वाजिद, उवैस, शालू, सोहिल राइन, नम्मी, फईम बेग, अरबाव, तल्हा मौजूद रहे। सुरक्षा की दृष्टि से एसडीएम पवन प्रकाश पाठक व कोतवाल विनोद कुमार राय पुलिस फोर्स के साथ डटे रहे।
ाठ में बुर्राक जुलूस निकालते अकीदतमंद– फोटो : HAMIRPUR