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बांदा। जिला अस्पताल में 28 घंटे बिन बिजली के मरीजों को रहना पड़ा। 47 डिग्री तापमान में हाथ से पंखा कर मरीजों ने रात-दिन काटा। वहीं, बिजली गुल रहने से सीटी स्कैन, पैथालॉजी की जांच और एक्सरे आदि बाधित रहे।
जिला अस्पताल की विद्युत व्यवस्था के लिए अलग बने स्वतंत्र फीडर की केबल शुक्रवार की रात वन विभाग कार्यालय के पास जेसीबी से हो रही खोदाई में कट गई। स्वतंत्र फीडर की 33 केवीए की केबल कटने से जिला महिला व पुरुष अस्पताल की विद्युत व्यवस्था बाधित हो गई। शनिवार को पूरा दिन मरीज जांच न होने से परेशान रहे। भर्ती मरीज पसीने से तरबतर रहे। सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड और एक्सरे कक्षों में अंधेरा छाया रहा। रविवार की सुबह बिजली बहाल हो सकी।
महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. सुनीता सिंह व पुुरुष अस्पताल के सीएमएस डॉ. एसएन मिश्र ने बताया कि स्वतंत्र फीडर की केबल कट जाने से विद्युत आपूर्ति बाधित हुई।
बांदा। जिला अस्पताल में 28 घंटे बिन बिजली के मरीजों को रहना पड़ा। 47 डिग्री तापमान में हाथ से पंखा कर मरीजों ने रात-दिन काटा। वहीं, बिजली गुल रहने से सीटी स्कैन, पैथालॉजी की जांच और एक्सरे आदि बाधित रहे।
जिला अस्पताल की विद्युत व्यवस्था के लिए अलग बने स्वतंत्र फीडर की केबल शुक्रवार की रात वन विभाग कार्यालय के पास जेसीबी से हो रही खोदाई में कट गई। स्वतंत्र फीडर की 33 केवीए की केबल कटने से जिला महिला व पुरुष अस्पताल की विद्युत व्यवस्था बाधित हो गई। शनिवार को पूरा दिन मरीज जांच न होने से परेशान रहे। भर्ती मरीज पसीने से तरबतर रहे। सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड और एक्सरे कक्षों में अंधेरा छाया रहा। रविवार की सुबह बिजली बहाल हो सकी।
महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. सुनीता सिंह व पुुरुष अस्पताल के सीएमएस डॉ. एसएन मिश्र ने बताया कि स्वतंत्र फीडर की केबल कट जाने से विद्युत आपूर्ति बाधित हुई।