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केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने जिनेवा (स्विट्जरलैंड) में विश्व व्यापार संगठन (WTO) की महानिदेशक नगोजी ओकोंजो-इवेला से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने खाद्य सुरक्षा के लिए सार्वजनिक भंडारण के स्थायी समाधान के मसले पर बात की। साथ ही गोयल ने जी33 मंत्रिस्तरीय बैठक में भी शिरकत की। यह विकासशील देशों का गठबंधन है और भारत इसका अहम सदस्य है। केंद्रीय मंत्री ने विकासशील और कम विकसित देशों के अपने समकक्षों से विभिन्न मसलों पर चर्चा की।
गोयल ने ट्वीट किया कि अपने किसानों के अधिकारों के लिए संघर्ष के तहत जिनेवा में डब्ल्यूटीओ पहुंचने के एक घंटे के अंदर जी33 मंत्रिस्तरीय बैठक में शिरकत की। इस दौरान डीजी नगोजी ओकोंजा इवेला और विकासशील व कम विकसित देशों के वाणिज्य मंत्रियों के साथ खाद्य सुरक्षा के लिए सार्वजनिक भंडारण के स्थायी समाधान के मसले पर चर्चा की। इसके अलावा वह अमेरिका की व्यापार मंत्री कैथरीन से मिले।
वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल जिनेवा पहुंचा हुआ है। देश में सभी स्टेकहोल्डरों के हितों की रक्षा के साथ ही विकासशील और गरीब देशों के हितों की रक्षा का दायित्व भारत के जिम्मे है।
डब्ल्यूटीओ महानिदेशक मई में कृषि, व्यापार और खाद्य सुरक्षा तथा निर्यात प्रतिबंधों से विश्व खाद्य कार्यक्रम को छूट पर तीन मसौदा टेक्स्ट लेकर आई थी। मंत्रालय ने कहा कि भारत को मसौदा चर्चाओं के कुछ प्रावधानों पर आपत्ति है और इसे लेकर विभिन्न देशों के साथ संपर्क में है। साथ ही डब्ल्यूटीओ की बैठक में एक अहम मसला भारत के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खाद्य पदार्थों की खरीद भी है। इस मुद्दे पर जी33 में भी चर्चा हुई।
बैठक के बाद क्या बोले गोयल?
जिनेवा में G33 मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लेने के बाद केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि हमने सतत विकास लक्ष्यों के मूलभूत सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए अपना पक्ष रखा है। हमने बैठक में विकासशील और अविकसित देशों की भी चिंता जताई है।
गोयल सोमवार यानी 13 जून से शुरू हो रहे विषयगत सत्र में भी हिस्सा लेंगे। सत्र छूट प्रस्ताव और विश्व व्यापार संगठन की महामारी और भविष्य की महामारियों की प्रतिक्रिया के साथ शुरू होगा। दूसरा सत्र खाद्य सुरक्षा पर होना है। मंगलवारको मत्स्य पालन और कृषि पर चर्चा की जाएगी। बुधवार को डब्ल्यूटीओ सुधार और इलेक्ट्रानिक ट्रांसमिशन के लिए सीमा शुल्क पर स्थगन के मुद्दे पर सत्र होगा।
#WATCH | After attending the G33 Ministerial Meeting in Geneva, Union Minister for Commerce & Industry Piyush Goyal said, “No one can pressurise today’s ‘Aatmanirbhar Bharat’. We can face any challenge. We don’t take any decision under pressure.” pic.twitter.com/neg4YrcEhg
— ANI (@ANI) June 12, 2022
मछुआरों को सब्सिडी के मसले पर हम नहीं झुकेंगे: भारत
स्विट्जरलैंड के जिनेवा शहर में रविवार से शुरू विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की 12वीं मंत्रिस्तरीय बैठक में कई मुद्दों पर विकसित और विकासशील देश आमने-सामने आ गए। मछली पालन में सब्सिडी को लेकर एक समझौते पर मतभेद खुलकर सामने आ गए। विकसित देश ईंधन पर सब्सिडी खत्म करने जबकि विकासशील देश 25 साल तक की छूट चाहते हैं। भारत ने साफ तौर पर कहा कि वह मछुआरों को सब्सिडी के मसले पर अपने रुख से झुकेगा नहीं। भारत का कहना है कि विकसित देश समुद्री संसाधनों के दोहन के लिए जिम्मेदार हैं। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल डब्ल्यूटीओ की बैठक में हिस्सा लेने के लिए पहुंच गए हैं।
120 में 82 देश भारत के साथ
डब्ल्यूटीओ में भारत के स्थायी प्रतिनिधि ब्रजेंद्र नवनीत ने कहा कि पिछले साल 15 जुलाई को सभी मंत्री इस मुद्दे पर एकत्रित हुए थे। 120 देशों में से 82 देशों के प्रतिनिधि मंत्रियों ने भारत का समर्थन किया था। उन्होंने कहा कि विकासशील देशों के गठबंधन को अच्छी तरह से पता है कि उन्होंने संसाधनों का दोहन नहीं किया, इसलिए उनका हित अपने छोटे और पारंपरिक मछुआरों की रक्षा करने में है। वे अपने जल क्षेत्र में किसी अनुशासन को पसंद नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि विकासशील देश दूर समुद्र में मछली पकड़ने में शामिल नहीं हैं।