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उरई/जालौन। अंतरराष्ट्रीय बालश्रम निषेध दिवस पर रविवार को चाइल्ड लाइन, श्रम प्रवर्तन विभाग एवं एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के संयुक्त तत्वावधान में जालौन कस्बे में बालश्रम के खिलाफ जागरुकता रैली निकाली गई। व्यापारियों से अपील की गई कि अपने प्रतिष्ठानों में बच्चों को काम न दें। यदि 18 साल से कम उम्र का किशोर, बालक श्रम करते हुए मिला तो अधिनियम के प्रावधानों के तहत दुकानदारों खिलाफ कार्रवाई होगी।
इस दौरान बाल श्रमिकों को काम पर रखने वालों के खिलाफ अभियान चलाया गया। श्रम प्रवर्तन अधिकारी आरके चतुर्वेदी ने बाल श्रम कराने पर छह दुकानदारों का चालान किया। इनसे सप्ताह भर में जवाब भी मांगा गया है। उन्हें बताया गया कि बाल श्रमिक रखने पर 20 से 50 हजार तक जुर्माने के साथ दो वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। इस दौरान चाइल्ड लाइन के डिस्ट्रिक्ट कोआर्डिनेटर शिवमंगल सिंह, आरती, कशिश, बलवान तथा एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के इंस्पेक्टर अनिल कुमार, सब इंस्पेक्टर राजकुमार निगम, पुष्पक सिंह आदि रहे।
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बाल मजदूरों के पुनर्वास के लिए खास नीति की जरूरत
कालपी। बाल मजदूरों को मुक्त कराने और उनके पुनर्वास के लिए एक खास नीति बनाने की जरूरत है। ताकि बाल मजदूरी को रोककर बच्चों को आवासीय स्कूलों में भेजा जा सके। यह विचार विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर अनुरागिनी संस्था के कार्यक्रम में जिला किशोर न्याय बोर्ड जालौन के न्यायिक सदस्य सुरजीत सिंह ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि बाल श्रम के खिलाफ हर साल 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है। इस बार बाल श्रम दिवस की थीम बाल श्रम को समाप्त करने के लिए सार्वभौमिक सामाजिक संरक्षण रखी गई है। इस मौके पर संस्था के प्रमुख डॉ. प्रवीण सिंह जादौन, सत्यम मिश्रा, अनिल यादव, जितेंद्र पांडेय आदि मौजूद रहे। (संवाद)
उरई/जालौन। अंतरराष्ट्रीय बालश्रम निषेध दिवस पर रविवार को चाइल्ड लाइन, श्रम प्रवर्तन विभाग एवं एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के संयुक्त तत्वावधान में जालौन कस्बे में बालश्रम के खिलाफ जागरुकता रैली निकाली गई। व्यापारियों से अपील की गई कि अपने प्रतिष्ठानों में बच्चों को काम न दें। यदि 18 साल से कम उम्र का किशोर, बालक श्रम करते हुए मिला तो अधिनियम के प्रावधानों के तहत दुकानदारों खिलाफ कार्रवाई होगी।
इस दौरान बाल श्रमिकों को काम पर रखने वालों के खिलाफ अभियान चलाया गया। श्रम प्रवर्तन अधिकारी आरके चतुर्वेदी ने बाल श्रम कराने पर छह दुकानदारों का चालान किया। इनसे सप्ताह भर में जवाब भी मांगा गया है। उन्हें बताया गया कि बाल श्रमिक रखने पर 20 से 50 हजार तक जुर्माने के साथ दो वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। इस दौरान चाइल्ड लाइन के डिस्ट्रिक्ट कोआर्डिनेटर शिवमंगल सिंह, आरती, कशिश, बलवान तथा एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के इंस्पेक्टर अनिल कुमार, सब इंस्पेक्टर राजकुमार निगम, पुष्पक सिंह आदि रहे।
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बाल मजदूरों के पुनर्वास के लिए खास नीति की जरूरत
कालपी। बाल मजदूरों को मुक्त कराने और उनके पुनर्वास के लिए एक खास नीति बनाने की जरूरत है। ताकि बाल मजदूरी को रोककर बच्चों को आवासीय स्कूलों में भेजा जा सके। यह विचार विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर अनुरागिनी संस्था के कार्यक्रम में जिला किशोर न्याय बोर्ड जालौन के न्यायिक सदस्य सुरजीत सिंह ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि बाल श्रम के खिलाफ हर साल 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है। इस बार बाल श्रम दिवस की थीम बाल श्रम को समाप्त करने के लिए सार्वभौमिक सामाजिक संरक्षण रखी गई है। इस मौके पर संस्था के प्रमुख डॉ. प्रवीण सिंह जादौन, सत्यम मिश्रा, अनिल यादव, जितेंद्र पांडेय आदि मौजूद रहे। (संवाद)