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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यस बैंक- दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) से संबंधित बैंक ऋ ण धोखाधड़ी मामले में महाराष्ट्र के बिल्डर अविनाश भोंसले और संजय छाबड़िया की 415 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है।
संघीय जांच एजेंसी ने दोनों बिल्डर को जून में हिरासत में लिया था और अभी दोनों ही न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी ने धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत भोंसले की 164 करोड़ रुपये की संपत्ति, जबकि छाबड़िया की 251 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने के लिए मंगलवार को एक अस्थायी आदेश जारी किया था।
ईडी और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) इस मामले की जांच कर रही है। दोनों केंद्रीय एजेंसियों ने दो बिल्डर, यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर और डीएचएफएल के प्रमोटर-निदेशक कपिल वधावन व धीरज वधावन के खिलाफ अलग-अलग मामला दर्ज किया है। इस मामले में वधावन बंधुओं को ईडी ने मई में गिरफ्तार किया था, जबकि कपूर को मार्च में गिरफ्तार किया गया था।
ये दोनों भी अभी न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी ने आरोप लगाया कि राणा कपूर ने यस बैंक लिमिटेड के माध्यम से डीएचएफएल के अल्पकालिक गैर-परिवर्तनीय ‘डिबेंचर’ में 3,700 करोड़ रुपये और डीएचएफएल के ‘मसाला बॉन्ड’ में 283 करोड़ रुपये का निवेश किया। अब तक इस केस में ईडी ने 1,827 करोड़ की संपत्ति जब्त की है।
34,000 करोड़ का है घोटाला
देश के सबसे बड़े बैंक ऋण घोटाला में 34,000 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप लगा है। इसमें यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की अध्यक्षता में गठित 17 बैंकों के कंसोर्टियम का पैसा डूब गया। इस मामले में यस बैंक के सह संस्थापक राणा कपूर और डीएचएफएल के प्रमोटर कपिल वधावन और धीरज वधावन के खिलाफ 1988 में एफआईआर दर्ज की गई थी।